बिजनेस डेस्क: चालू वित्त वर्ष 2018-19 खत्म होने को है और इस बीच करदाता टैक्स बचाने के लिए अपने तमाम दस्तावेज खंगालने में जुटे हुए हैं। आमतौर पर करदाता अपना सालाना टैक्स बचाने के लिए आयकर की धारा 80C का ही सहारा लेते हैं, या यूं कहें कि उन्हें टैक्स बचाने वाली सिर्फ इसी आयकर धारा की जानकारी होती है। हालांकि इसके अलावा भी काफी सारे तरीके हैं जहां आपके माता-पिता, पत्नी और बच्चे भी
टैक्स बचत में आपकी मदद कर सकते हैं। जानिए आखिर ऐसा कैसे कर सकते हैं आप
अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर: अगर आपके माता-पिता के पास कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो आप खुद उनके लिए पॉलिसी खरीद सकते हैं। ऐसा कर न सिर्फ आप उनके बीमार होने की सूरत में संभावित आर्थिक मुश्किलों को दूर करना सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि आप ऐसा कर खुद का टैक्स भी बचा सकते हैं। आयकर की धारा 80D के अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट आपको टैक्स बेनिफिट क्लेम करने की इजाजत देता है। अगर आपके पिता 60 वर्ष की आयु से कम के हैं तो इस धारा के अंतर्गत आप 25,000 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं अगर आपके माता-पिता 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं तो आप 30,000 रुपये की टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं। खुद के लिए, जीवनसाथी के लिए और आश्रित बच्चों के लिए 80D की यह सीमा अधिक हो जाती है।
उदाहरण से समझिए:
आश्रित बीमार या विकलांग व्यक्ति पर किया गया खर्च:
अगर आप किसी बीमार या विकलांग व्यक्ति जो कि आप पर आश्रित है उस पर खर्च करते हैं, जैसे कि उसके इलाज इत्यादि में तो आप आयकर की धारा 80D और 80DDB के अंतर्गत टैक्स क्लेम कर सकते हैं।
आश्रित बच्चे की हेल्थ पॉलिसी लेने पर मिलता है बेनिफिट:
अगर आपने अपने आश्रित बच्चे के नाम पर पॉलिसी ले रखी है तो आप उस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं, हालांकि आपको यह साबित करना होगा कि वह बच्चा पूरी तरह से आप पर ही आश्रित है।
आश्रित के इलाज पर खर्च बचा सकता है आपका पैसा
अगर कोई व्यक्ति खुद के ऊपर या अपने ऊपर आश्रित व्यक्ति की विशेष बीमारी के उपचार में खर्च करता है तो उसे 80डीडीबी के तहत कर लाभ मिलता है। इसमें माता-पिता, बच्चे और भाई-बहन शामिल होते हैं। एचयूएफ के मामले में इस कटौती का लाभ किसी भी सदस्य की ओर से किए गए व्यय के लिए किया जा सकता है।
टैक्स बचत में आपकी मदद कर सकते हैं। जानिए आखिर ऐसा कैसे कर सकते हैं आप
अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर: अगर आपके माता-पिता के पास कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो आप खुद उनके लिए पॉलिसी खरीद सकते हैं। ऐसा कर न सिर्फ आप उनके बीमार होने की सूरत में संभावित आर्थिक मुश्किलों को दूर करना सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि आप ऐसा कर खुद का टैक्स भी बचा सकते हैं। आयकर की धारा 80D के अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट आपको टैक्स बेनिफिट क्लेम करने की इजाजत देता है। अगर आपके पिता 60 वर्ष की आयु से कम के हैं तो इस धारा के अंतर्गत आप 25,000 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं अगर आपके माता-पिता 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं तो आप 30,000 रुपये की टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं। खुद के लिए, जीवनसाथी के लिए और आश्रित बच्चों के लिए 80D की यह सीमा अधिक हो जाती है।
उदाहरण से समझिए:
आश्रित बीमार या विकलांग व्यक्ति पर किया गया खर्च:
अगर आप किसी बीमार या विकलांग व्यक्ति जो कि आप पर आश्रित है उस पर खर्च करते हैं, जैसे कि उसके इलाज इत्यादि में तो आप आयकर की धारा 80D और 80DDB के अंतर्गत टैक्स क्लेम कर सकते हैं।
आश्रित बच्चे की हेल्थ पॉलिसी लेने पर मिलता है बेनिफिट:
अगर आपने अपने आश्रित बच्चे के नाम पर पॉलिसी ले रखी है तो आप उस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं, हालांकि आपको यह साबित करना होगा कि वह बच्चा पूरी तरह से आप पर ही आश्रित है।
आश्रित के इलाज पर खर्च बचा सकता है आपका पैसा
अगर कोई व्यक्ति खुद के ऊपर या अपने ऊपर आश्रित व्यक्ति की विशेष बीमारी के उपचार में खर्च करता है तो उसे 80डीडीबी के तहत कर लाभ मिलता है। इसमें माता-पिता, बच्चे और भाई-बहन शामिल होते हैं। एचयूएफ के मामले में इस कटौती का लाभ किसी भी सदस्य की ओर से किए गए व्यय के लिए किया जा सकता है।
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