Thursday 21 February 2019

PNB) सहित 12 सरकारी बैंकों में 48,239 करोड़ रुपये की मदद के बाद चमके बैंकिंग शेयर, कॉरपोरेशन बैंक 15 फीसद उछला

बिजनेस डेस्क: केंद्र सरकार के पंजाब नैशनल बैंक (PNB) सहित 12 सरकारी बैंकों में 48,239 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने की घोषणा के बाद बैंकिंग शेयरों में निवेशकों ने जमकर खरीदारी की है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बैंकिंग इंडेक्स करीब 70 अंकों की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है। बीएसई में कॉरपोरेशन बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा करीब 15 फीसद की तेजी आई है। वहीं इलाहाबाद बैंक के शेयर करीब 6 फीसद तक उछल चुके हैं। बुधवार शाम बैंकों को वित्तीय मदद दिए जाने की घोषणा का एलान करते हुए वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार कॉरपोरेशन बैंक को 9,086 करोड़ रुपये जबकि इलाहाबाद बैंक को 6,896 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि यह दोनों बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पीसीए निगरानी में ''बेहतर प्रदर्शन'' कर रहे हैं। यूको बैंक का शेयर करीब 10 फीसद तक उछल चुका है। आंध्रा बैंक के शेयरों में करीब 6 फीसद और सेंट्र्ल बैंक के शेयरों में 5 फीसद की उछाल आ चुकी है।यूनियन बैंक के शेयर में करीब 4 फीसद, पंजाब नैशनल बैंक के शेयर करीब 4 फीसद, बैंक ऑफ इंडिया करीब 3 फीसद, देना बैंक, ओरिएंटल बैंक और केनरा बैंक के शेयर में करीब 2 फीसद तक की तेजी है। बुधवार को वित्तीय मामलों के सचिव ने पंजाब नैशनल बैंक में 6,896 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक में 4,112 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया में 4,638 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 205 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया में 4,638 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी। सभी 12 सरकारी बैंकों को यह राशि इसी वित्त वर्ष में दी जानी है, ताकि वह नियामकीय पूंजी के अनिवार्य स्तर को बनाए रख सकें और विकास की परियोजनाओं की फंडिंग कर सकें।बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को क्रमश: 4,638 करोड़ रुपये और 205 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इन दोनों बैंक को हाल ही में आरबीआई ने पीसीए की निगरानी सूची से बाहर किया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 4,112 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं आंध्र बैंक को 3,256 करोड़ रुपये और सिंडीकेट बैंक को 1,603 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा चार सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक में 12,535 करोड़ रुपये डाले जाएंगे। पिछले साल दिसंबर महीने में सरकार ने सात सरकारी बैंकों में रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड के जरिए 28,615 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। पूंजीगत सहायता से बैंकों को अनिवार्य नियामकीय पूंजी के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है और उन्हें पीसीए से बाहर निकालने में मदद मिलेगी। पिछले महीने ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) से बाहर कर दिया था। कुल 21 सरकारी बैंकों में से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 11 बैंकों को पीसीए में डाल दिया था, जिसके बाद इनके लोन देने और नए ब्रांच खोलने पर रोक लग गई थी। पीसीए में डालने की वजह इन बैंकों का बढ़ता एनपीए और घाटा था।

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