मुख्यमंत्री
ने कल दुर्ग जिले के पाटन विकास खण्ड के ग्राम तर्रा में आयोजित
चन्द्रनाहू क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए। समाज द्वारा
मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पहली
सरकार में मंत्री के रूप में मैंने प्रदेश में कुछ नालों के रिचार्ज की
योजना बनाई थी। पाटन क्षेत्र में जिन नालों में रिचार्ज का काम किया गया,
वहां भूमिगत जल स्तर बढ़ गया। अब हम पूरे प्रदेश में नालों के रिचार्ज पर
काम करेंगे। भूजल स्तर मंे बढोत्तरी के लिए नालों को रिचार्ज करना सबसे
अच्छा माध्यम है। बांधों की तरह इसमें किसानों की जमीन डुबान क्षेत्र में
नहीं आती। मिट्टी की नमी बनी रहती है जो फसल के लिए बहुत उपयोगी होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन को हमें शक्ति बनाना है। थोड़ी सी जमीन हम
गौठान के लिए रख दें, तो बहुत बड़ी जमीन मवेशियों के चरने से बचा सकते हैं।
यह छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों के लिए संजीवनी की तरह होगा। उन्होंने कहा
कि गौठानों के प्रभावी उपयोग से हम गांव में ही अपने पशुधन के माध्यम से
काफी सरलता से जैविक खाद और बायो गैस प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री
ने कल दुर्ग जिले के पाटन विकास खण्ड के ग्राम तर्रा में आयोजित
चन्द्रनाहू क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए। समाज द्वारा
मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पहली
सरकार में मंत्री के रूप में मैंने प्रदेश में कुछ नालों के रिचार्ज की
योजना बनाई थी। पाटन क्षेत्र में जिन नालों में रिचार्ज का काम किया गया,
वहां भूमिगत जल स्तर बढ़ गया। अब हम पूरे प्रदेश में नालों के रिचार्ज पर
काम करेंगे। भूजल स्तर मंे बढोत्तरी के लिए नालों को रिचार्ज करना सबसे
अच्छा माध्यम है। बांधों की तरह इसमें किसानों की जमीन डुबान क्षेत्र में
नहीं आती। मिट्टी की नमी बनी रहती है जो फसल के लिए बहुत उपयोगी होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन को हमें शक्ति बनाना है। थोड़ी सी जमीन हम
गौठान के लिए रख दें, तो बहुत बड़ी जमीन मवेशियों के चरने से बचा सकते हैं।
यह छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों के लिए संजीवनी की तरह होगा। उन्होंने कहा
कि गौठानों के प्रभावी उपयोग से हम गांव में ही अपने पशुधन के माध्यम से
काफी सरलता से जैविक खाद और बायो गैस प्राप्त कर सकते हैं।
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