

विज्ञान और तकनीकी : अनुसंधान एवं अनुशीलन'' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि शून्य की खोज भारत का पेटेंट है। उन्होंने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में नित नये शोध हो रहे हैं, जिनके परिणाम को व्यवहार में लाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि मातृभाषा हिंदी के विस्तार के साथ हिंदी विश्वविद्यालय के उद्देश्य के प्रति राज्य सरकार गंभीर है और पूरी तरह समर्पित है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने कहा कि भारत में ज्ञान-विज्ञान का करोड़ों साल पुराना भण्डार छिपा हुआ है। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के प्रो. कपिल कुमार ने बताया कि भाषा हमारा गौरव है। विदेशी भाषाओं के पहले हमें अपनी मातृभाषा, परंपरा और संस्कृति को समझना होगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्र बुद्धे ने कहा कि विज्ञान में भारतीय परंपरा विश्व की सबसे प्राचीन पद्धति है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय की प्रवेश विवरणिका और अटल वार्ता पत्रिका का विमोचन किया।
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