

प्रमुख सचिव, महिला बाल विकास ने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के लिए जेंडर बजटिंग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जेंडर के संदर्भ में डाटा सेग्रीगेशन होना चाहिए, तभी सही मायनों में जेंडर भेदभाव की दिशा में काम किया जा सकता है। आज होटल पलाश में यू. एन. वीमन के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय जेंडर रिस्पान्स्टिव बजटिंग कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। ने कहा कि जेंडर रिस्पॉन्सिव बजटिंग महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में लाने का एक सशक्त उपकरण है। डाटा सेग्रीगेशन के माध्यम से यह भी पता लगेगा कि विभिन्न विभागों में चलाई जा रही योजनाओं में बालिका या महिलाओं के लिए कितना प्रावधान या सुविधा है। यू.एन. वीमेन, हैदराबाद की सुश्री धर्मिष्ठा ने जेंडर रिस्पॉन्सिव बजट के संदर्भ में मध्यप्रदेश में किए गए सर्वे का प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने कहा कि सर्वे से कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिनके अनुसार महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभी और कार्य करना बाकी है। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अलावा वन, आदिम जाति कल्याण तथा स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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