Sunday 27 January 2019

षटतिला एकादशी व्रत का खास महत्व है. जानिए, इस दिन क्या सावधानियां बरतनी चाहिए....

माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला व्रत किया जाता है. षटतिला एकादशी पर तिल के द्वारा भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. षटतिला एकादशी पर तिल का इस्तेमाल स्नान, प्रसाद, भोजन, दान, तर्पण आदि सभी चीजों में किया जाता है. इस दिन व्यक्ति को सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की तिलों से पूजा करनी चाहिए. उन्हें पीले फल फूल वस्त्र अर्पण करने चाहिए. मान्यता है कि इस दिन तिल का प्रयोग करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और मन की इच्छा भी पूरी होती हैं. ऐसी भी मान्यता है कि तिल का प्रयोग जितना ज्यादा होगा व्यक्ति उतने ही साल ज्यादा जीवित रहेगा.
षटतिला एकादशी पर क्या सावधानियां बरतें
षटतिला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठें स्नान करके साफ कपड़े पहने.
घर में प्याज लहसुन और तामसिक भोजन का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें.
सुबह और शाम एकादशी की पूजा पाठ में साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही व्रत कथा सुनें.
षटतिला एकादशी की पूजा में हर तरीके से परिवार में शांति पूर्वक माहौल बनाए रखें.
षटतिला एकादशी पर एक आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप जरूर करें.
षटतिला व्रत में झूठ नहीं बोलना चाहिए बड़ों का निरादर नहीं करना चाहिए. काम क्रोध लोभ मोह अहंकार आदि का त्याग कर भगवान की शरण में जाना चाहिए.
षटतिला एकादशी पर तिलों का प्रयोग करके भगवान विष्णु की करें पूजा और पाएं महावरदान
षटतिला एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठें और तिल का उबटन लगाकर कुछ देर बैठें.
स्नान के जल में तिल डालकर स्नान करें और हलके पीले रंग के कपड़े पहनें.
पूर्व की दिशा की तरफ मुंह करके पांच मुट्ठी तिलों से 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की आहुति दें.
किसी योग्य विद्वान ब्राह्मण की सलाह से दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पितरों के लिए तिल से तर्पण करें.
पूरे व्रत विधान में अन्न का सेवन ना करें और शाम को तिल का भोजन बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में सेवन करें.
तिल से बनी रेवड़ी गजक और मिष्ठान का दान किसी जरूरतमंद को करें.
रात में सोते समय अपने बिस्तर में तिल जरूर डाल कर सोएं.
शाम के समय और रात्रि में भगवान विष्णु के भजन जरूर सुनें.
षटतिला एकादशी पर करें महाउपाय होगी मन की इच्छा पूरी
षटतिला एकादशी पर सूर्य उदय होने से पहले उठें.
भगवान विष्णु के चित्र को या मूर्ति को पीले रंग का कपड़ा बिछाकर स्थापित करें.
भगवान विष्णु की रोली, मौली, तिल, धूप, दीप, पीले फूल, माला, नारियल, सुपारी, अनार, आंवला, लौंग बेर, पंचामृत से पूजा करें.
षटतिला एकादशी पर पूरी श्रद्धा और विश्वास से भगवान विष्णु का पूजन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मन की इच्छा पूरी होती है.
एक पीले आसन पर बैठकर नारायण कवच का 3 बार पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मन की इच्छा जरूर पूरी होती है.

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