
लोकसभा
चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन की घोषणा की
संभावना बनते देख कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि समान विचार वाले सभी दलों
का उद्देश्य देश से 'कुशासन और तानाशाही' को खत्म करना है. साथ ही
कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में उनकी किसी भी तरह उपेक्षा करना राजनीतिक
रूप से 'खतरनाक भूल' होगी इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता
अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर दूं कि समान
विचार वाली सभी पार्टियों का उद्देश्य कांग्रेस की तरह यही है कि इस देश से
कुशासन हटाया जाए, तानाशाही को हटाया जाए, असहिष्णुता हटाई जाए. यह सबका
समान उद्देश्य है। हमें इस उद्देश्य के लिए काम करना है.'देश की प्रमुख
विपक्षी पार्टी का यह बयान उस वक्त आया है जब शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश
यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक साथ संवाददाता सम्मेलन करने जा रहे हैं.
माना जा रहा है कि दोनों नेता उत्तर प्रदेश में गठबंधन का ऐलान करेंगे और
संभव है कि दोनों दल इससे कांग्रेस को अलग रखें उन्होंने सपा और बसपा का
नाम लिए बगैर कहा, 'अगर कुछ पार्टियां इस उद्देश्य में बाधा डालती हैं तो
इसका दोषारोपण उन पर होगा. मैं नहीं समझता कि कोई भी कांग्रेस की व्यापक
क्षमता, विरासत, इतिहास और पहचान की उपेक्षा कर सकता है. अगर कोई उपेक्षा
करने की भूल करता है तो मुझे लगता है कि बहुत बड़ा राजनीतिक खतरा मोल ले
रहा है. हमारी उपेक्षा करना खतरनाक भूल होगी.'उत्तर प्रदेश में फिर से
शानदार प्रदर्शन दोहराने संबंधी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर सिंघवी
ने कहा, 'यह जुमला बार बार बोला जाता है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव
से पहले भी यही दावे किए जा रहे थे. आपने देखा क्या हुआ.'उन्होंने कहा,
'अगर सबसे बड़ा डर भाजपा को है तो वो विपक्षी एकजुटता से है. प्रधानमंत्री
और अमित शाह चाहते हैं कि वोटों का बंटवारा हो. इसलिए वे विपक्षी एकजुटता
से डरे हुए हैं.
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