Saturday 12 January 2019

लोहड़ी2019: जानिए,क्यों मनाई जाती है लोहड़ी, आइए जानते हैं इस दिन दुल्ला भट्टी की कहानी क्यों सुनी जाती है.

हर साल देशभर में मकर संक्रांति के एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. लोहड़ी की धूम सबसे ज्यादा पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है, क्योंकि ये पंजाबियों का मुख्य त्योहार है. लोहड़ी के दिन अग्नि में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं. इस दिन अग्नि के चारों ओर नव विवाहित जोड़ा आहुति देते हुए चक्कर लगाकर अपनी सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करते हैं.
क्यों और कैसे मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार?
पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. इस अवसर पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन चौराहों पर लोहड़ी जलाई जाती है. इस दिन लड़के आग के पास भांगड़ा करते हैं, वहीं लड़कियां और महिलाएं गिद्दा करती हैं. सभी रिश्तेदार एक साथ मिलकर डांस करते हुए बहुत धूम-धाम से लोहड़ी का जश्न मनाते हैं. इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का भी खास महत्व होता है. कई जगहों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है.
लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी का क्या है महत्व?
इस दिन अलाव जलाकर उसके इर्दगिर्द डांस किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स पंजाब में रहता था. उस समय कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी. तब से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है.

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