Friday 11 January 2019

निराश्रित गौवंश को गौ-शालाओं में विस्थापित किया जायेगा

भोपाल नगर में मवेशियों को पकड़ने का अभियान 16 जनवरी से
मंत्री यादव की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय बैठक में हुए निर्णय
निराश्रित गौवंश को गौ-शालाओं में रखा जायेगा। गाय, बैल, आवारा तरीके से सड़कों पर विचरण करते नजर नहीं आयेंगे। शुरूआती दौर में भोपाल नगर में आवारा तरीके से घूमते निराश्रित गाय-बैल को पकड़कर गौशाला में रखा जायेगा। इस अभियान की शुरूआत 16 जनवरी से की जायेगी। भोपाल नगर में पाँच हजार से अधिक निराश्रित गाय-बैल को गौशाला में विस्थापित किया जायेगा। यह निर्णय पशुपालन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई अन्तर्विभागीय बैठक में लिया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव, भोपाल के संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत, आयुक्त मनरेगा सुश्री जी.व्ही. रश्मि, कलेक्टर डॉ. सुदाम खांडे, सचिव जेल राजीव दुबे, डीआईजी श्री धर्मेद्र चौधरी, आयुक्त नगर निगम बी. विजय दत्ता, संचालक पशुपालन डा. आर. के. रोकड़े, एमडी एमपीएलडीसी डा. एच.बी.एस. भदौरिया और अन्य अधिकारी मौजूद थे। मंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गौवंश का यूआईडी टैग से पंजीयन किया जा रहा है। सबसे पहले हाई-वे के आसपास के क्षेत्र के ग्रामों में गौ-शाला खोलेंगे। शुरूआत पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर भोपाल से की जा रही है। उन्होंने भोपाल संभागायुक्त, कलेक्टर और आयुक्त नगर निगम से कहा कि अभियान को युद्ध स्तर पर शुरू करें। अभियान शुरूआत के एक सप्ताह बाद 22 से 25 जनवरी के बीच वे नगर के उस हिस्से का जायजा लेंगे, जहाँ से निराश्रित गौवंश को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अगर निराश्रित गाय-बैल मिलता है, तो क्षेत्र के संबंधित जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
अपर मुख्य सचिव ने दिये निर्देश
एसीएस श्रीवस्तव ने कलेक्टर भोपाल से कहा कि अगले तीन दिन में वह नगर के सभी 7 कांजी हाऊस की कुल क्षमता का आकलन कर लें ताकि पकड़े गये गौवंश को वहाँ रखा जा सके। इसी प्रकार भोपाल जिले में संचालित सभी 27 गौशालाओं के प्रबंधकों से चर्चा कर उनकी गौशाला की क्षमता का आंकलन कर गौवंश रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त गौशाला की अन्य व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे पशुपालक, जो सड़कों पर गायों को निराश्रित ‍िस्थति में छोड़ देते हैं, उन्हें ताकीद किया जाये कि 15 जनवरी के बाद उनकी गाय सड़कों पर या खुले स्थान पर मिलती है, तब गाय को पकड़कर कांजी हाऊस/ गौशाला में भेज दिया जायेगा और पशुपालक के विरुद्ध हैवी पैनल्टी अधिरोपित की जायेगी। बैठक में बताया गया है‍कि 4 लाख 37 हजार 910 निराश्रित पशुओं की संख्या है। प्रदेश में कुल पंजीकृत 1285 गौशाला में 614 क्रियाशील हैं, जिनमें 1 लाख 53 हजार 834 गौवंश है। गौवंश की संख्या वर्ष 2012 की पशु संगणना के आधार पर है। वर्ष 2018 में विभाग द्वारा अनुमानित लगभग 6 लाख निराश्रित गौवंश है। निराश्रित गौवंश के लिये गौशालाओं को खोलने के लिये स्थान चिन्हित करने, गौशाला संचालन के लिये वित्तीय प्रबंधन आदि पर भी चर्चा की गई।

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