Sunday 27 January 2019

बजट 2019: यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में पूंजी डालने के लिए वित्तीय सेवा विभाग ने 4,000 करोड़ रुपये की मांग

बिजनेस डेस्क: सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में आगामी बजट में सरकार 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाल सकती है। इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार ऐसे कदम उठा सकती है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है। सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में पूंजी डालने के लिए वित्तीय सेवा विभाग ने 4,000 करोड़ रुपये की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक बजट में आवंटित की जाने वाली पूंजी के बाद हर कंपनी को पूंजी का बंटवारा किया जाएगा। अधिकतर साधारण बीमा कंपनियां ज्यादा लाभ नहीं कमा पा रही हैं। इसकी अहम वजह प्रीमियम से आय के मुकाबले ज्यादा दावे पेश किए जाने से होने वाले नुकसान का दबाव है। गौरतलब है कि 2018-19 के बजट में सरकार ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विलय का प्रस्ताव किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इन तीनों कंपनियों को मिलाकर एक बीमा कंपनी बनाया जाएगा।
इस विलय को संभवत: चालू वित्त वर्ष में पूरा कर लिया जाए। तीनों कंपनियों के पास 31 मार्च 2017 तक कुल साधारण बीमा बाजार की 35 फीसद हिस्सेदारी थी। इनके पास 200 से ज्यादा बीमा उत्पाद हैं जिनका कुल प्रीमियम 41,461 करोड़ रुपये रहा। उनकी संयुक्त कुल संपत्ति 9,243 करोड़ रुपये है, जबकि 6,000 कार्यालयों में लगभग 44,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। 2017 में राज्य के स्वामित्व वाली न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को सूचीबद्ध किया गया था।

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