दिल्ली में शहरी विकास और आवास विभाग की बैठक में म.प्र. रेरा चेयरमेन
नागरिकों की आवास संबंधी समस्याओं के निराकरण और उन्हें गुणवत्तापूर्ण अवास उपलब्ध करवाने के लिये जरूरी है कि रेरा (रियल इस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी) एक्ट को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाया जाये। मध्यप्रदेश रेरा चेयरमेन अंटोनी डिसा ने यह बात नई दिल्ली में शहरी विकास और आवास विभाग की बैठक में कही। डिसा की बातों का समर्थन महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के रेरा पदाधिकारियों ने भी किया। डिसा ने कहा कि प्राधिकरण को केवल मुआवजा निर्धारण का ही नहीं, बल्कि रियल इस्टेट को भी प्रोत्साहित करना है। इसके बाद भी किसी भी पक्ष द्वारा आदेश के पालन में कोताही करने पर उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिये प्राधिकरण को और अधिकार देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट में संशोधन करते समय मध्यप्रदेश में जो अनुभव हुए हैं, उनका ध्यान जरूर रखा जाये। डिसा ने कहा कि रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेरा में बगैर पंजीयन के भी कुछ बिल्डर प्लाट और फ्लेट की बिक्री कर लेते हैं। इससे आवंटी के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उसकी भरपाई बाद में प्रभावी रूप से नहीं हो पाती है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। डिसा ने बताया कि मध्यप्रदेश रेरा प्राधिकरण में प्राप्त 2583 प्रकरण में से 1435 पर आदेश पारित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अवैध प्रोजेक्ट के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। अवैध प्रोजेक्ट की जानकारी के लिये हेल्पलाइन नम्बर-8989880123 शुरू किया गया है। इस नम्बर पर पूरे प्रदेश से लगातार अवैध कॉलोनियों की जानकारी मिल रही है।
नागरिकों की आवास संबंधी समस्याओं के निराकरण और उन्हें गुणवत्तापूर्ण अवास उपलब्ध करवाने के लिये जरूरी है कि रेरा (रियल इस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी) एक्ट को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाया जाये। मध्यप्रदेश रेरा चेयरमेन अंटोनी डिसा ने यह बात नई दिल्ली में शहरी विकास और आवास विभाग की बैठक में कही। डिसा की बातों का समर्थन महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के रेरा पदाधिकारियों ने भी किया। डिसा ने कहा कि प्राधिकरण को केवल मुआवजा निर्धारण का ही नहीं, बल्कि रियल इस्टेट को भी प्रोत्साहित करना है। इसके बाद भी किसी भी पक्ष द्वारा आदेश के पालन में कोताही करने पर उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिये प्राधिकरण को और अधिकार देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट में संशोधन करते समय मध्यप्रदेश में जो अनुभव हुए हैं, उनका ध्यान जरूर रखा जाये। डिसा ने कहा कि रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेरा में बगैर पंजीयन के भी कुछ बिल्डर प्लाट और फ्लेट की बिक्री कर लेते हैं। इससे आवंटी के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उसकी भरपाई बाद में प्रभावी रूप से नहीं हो पाती है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। डिसा ने बताया कि मध्यप्रदेश रेरा प्राधिकरण में प्राप्त 2583 प्रकरण में से 1435 पर आदेश पारित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अवैध प्रोजेक्ट के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। अवैध प्रोजेक्ट की जानकारी के लिये हेल्पलाइन नम्बर-8989880123 शुरू किया गया है। इस नम्बर पर पूरे प्रदेश से लगातार अवैध कॉलोनियों की जानकारी मिल रही है।
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