Saturday 2 June 2018

किसान आंदोलन के दूसरे दिन ऐसे हैं आंदोलन को लेकर हाई अलर्ट जिलों के हाल

किसान आंदोलन के दूसरे दिन ऐसे हैं आंदोलन को लेकर हाई अलर्ट जिलों के हाल

कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित 32 मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक किसान आंदोलन पर है। आंदोलन का असर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दिखाई दे रहा है। मप्र में आंदोलन का मुख्य केंद्र मंदसौर है। आंदोनल को देखते हुए सरकार ने इंदौर-उज्जैन संभाग के कई जिलों को हाईअलर्ट पर रखा है। यहां धारा 144 लागू की गई है।
इंदौर : शहर में आम दिनों की तरह से सुबह घरों तक दूध और सब्जियां पहुंची। आंदोलन को देखते हुए बंदी वाले थोड़ा जल्द पहुंचे और दूध देकर रवाना हो गए। चोइथराम और राजकुमार सब्जी मंडी में भी सब्जी की आवाक रही। लोगों द्वारा पहले ही ज्यादा सब्जियां खरीदने से यहां सब्जी के दाम में कोई खास उछाल देखने को नहीं मिला। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि स्टाॅक खत्म होने के बाद दिक्कतें आ सकती हैं।
उज्जैन : जिले के इंगोरिया के किसान हाकमसिंह आंजना चंद्रावतीगंज के साथ लूट की घटना सामने आइई है। वे शुक्रवार रात बंदी का दूध बांटकर लौट रहे थे तभी बामोरा और नलवा के बीच बाइक सवार दो बदमाशों ने रोका और धमकाते हुए बोले- जब किसान आंदोलन चल रहा है तो दूध बांटने क्यों निकले? बदमाशों ने हाकमसिंह से उनका मोबाइल फोन और 10 हजार रुपए छीन लिए। महाकाल थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके अलावा छत्री चौक सब्जी मंडी, मक्सी रोड सब्जी मंडी सहित सभी जगह पर सब्जी की खरीदी-बिक्री की गई। सुबह दूध भी अन्य दिनों की तरह ही घरों तक पहुंचा। पुलिस एहतियात के तौर पर शहर में गश्त कर रही है।
मंदसौर :किसान आंदोलन की घोषणा के बावजूद शनिवार को भी सुबह सब्जी मंडी में नीलामी हुई और ठेले वाले सब्जियां लेकर घरों तक पहुंचे। दूध की सप्लाई में भी ज्यादा परेशानी नहीं सुनाई दी। पुलिस हाईवे सहित शहरभर में चेक प्वाइंट और पेट्रोलिंग कर रही है।
नीमच :शहर में दूध और सब्जी की आवाक जारी है। जीरन में कुछ गांव से आने वाले दूध की सप्लाई नहीं हो पाई। वहीं नीमच में राजस्थान और ग्रामीण इलाकों से सुबह दूध पहुंचा। वहीं सब्जी मंडी में भी सब्जी की खरीदी-बिक्री जारी है।
रतलाम : रतलाम में भी आम दिनों की तरह ही दूध सब्जी और फल की सुबह सप्लाई हुई। कुछ क्षेत्रों में सब्जी बेचने वाले नहीं पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस हर चौक पर तैनात है। इसके अलावा लगातार पेट्राेलिंग भी की जा रही है।
खरगोन : आंदोलन को देखते हुए अलसुबह ही ग्रामीण सब्जी और दूध लेकर शहर पहुंच गए थे। जल्द बिक्री के बाद सब अपने-अपने गांव को लौट गए। कुछ गांवों को छोड़ दें तो सभी जगह से दूध शहर तक पहुंच रहा है।
ऐसे चलेगा पूरा आंदोलन...
- 1 से 4 जून तक गांवों में युवाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरानी खेल गतिविधियां होंगी।
- 5 जून को धिक्कार दिवस मनाएंगे। गांवों में ही चौपालें होंगी, जिसमें किसान विरोधी फैसलों पर चर्चा की जाएगी।
- 6 जून को पिछले साल मारे गए किसानों को शहीद मानते हुए श्रद्धांजलि सभा होंगी।
- 8 जून को असहयोग दिवस मनाया जाएगा।
- 10 जून को भारत बंद रहेगा।
सरकार की तैयारी पर एक नजर
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जोनल आईजी को अतिरिक्त फोर्स दिया गया है। इसमें उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर जैसे बड़े जोन में लगभग 500-500 रंगरूट (नव आरक्षक) और एसएएफ की दो कंपनियां (लगभग एक कंपनी में 100 जवान) दिए गए हैं।
-अइस प्रकार बड़े जोन को लगभग 700 जवान अतिरिक्त दिए गए हैं। जिन जिलों में आंदोलन का असर नहीं होगा, वहां एक-एक कंपनी दी गई है। इसके अतिरिक्त एसएएफ की 89 कंपनियां कानून व्यवस्था के लिए दी गई हैं।
- आंदोलन को देखते हुए मुख्य केंद्र मंदसौर को पुलिस ने 20 जोन में बांट दिया है। 100 जगह कैमरे लगाए गए हैं। मंदसौर, रतलाम, नीमच को जोड़ने वाले हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात किया गया है।
- मंदसौर, नीमच, रतलाम सहित प्रदेश के 35 संवेदनशील जिलों में उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस को 10 हजार अतिरिक्त लाठियां दी गई हैं। इसके अलावा जल्द पहुंचने के लिए 100 अतिरिक्त गाड़िंया भी दी गई हैं। पुलिसकर्मियों को 20 हजार हेलमेट और चेस्ट गार्ड भी दिए गए हैं।
- इंदौर में 8, राजगढ़ में 8, मुरैना में 7, भोपाल में 6, दतिया में 6, शिवपुरी में 5, गुना में 5 सतना में 5 अतिरिक्त गाड़ियां दी गई हैं।
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, रतलाम, नीमच, मंदसौर और खरगोन।
6 जून 2017 को हुआ था गोलीकांड
- मंदसौर गोलीकांड 6 जून 2017 को हुआ था। उसके तीन दिन पहले 3 जून से किसानों ने फसल का सही दाम नहीं मिलने सहित कई मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। 6 जून को भीड़ ने उग्र रूप ले लिया था, जिसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला था। भीड़ ने घटना के दिन मंदसौर के पिपलिया मंडी थाने का घेराव और पथराव के साथ लोहे और लाठियों से तोड़फोड़ की थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें अाधा दर्जन से ज्यादा लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना से कई दुकानों और मकानों को भारी क्षति हुई थी। वहीं कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गय था।

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