Saturday 2 June 2018

कांग्रेस-AAP के संग आने की सुगबुगाहट दिल्ली में,

कांग्रेस-AAP के संग आने की सुगबुगाहट दिल्ली में,

2019 के लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय रह गया है। ऐसे में सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी मोर्चा-गठबंधन की कवायद में जुट गया है। विपक्षी एकता के चलते 28 मई को हुए उपचुनाव में भाजपा को 4 लोकसभा में से सिर्फ 1 सीट मिली है। हालांकि, अब तक हुए तमाम सर्वे में मोदी सरकार की वापसी के पूरे आसार हैं, लेकिन भाजपा के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष इसी फॉर्मूले पर 'महागठबंधन' के जरिये चुनावी मैदान में उतरता है, तो सत्ताधारी दल को मुश्किलें पेश आ सकती हैं।
AAP-कांग्रेस गठबंधन के कयास, राहुल गांधी की नहीं मिली हरी झंडी
इस बीच भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के भी करीब आने की खबरें मीडिया में तैरने लगी हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरह से कर्नाटक में विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के बाद विपक्ष एकजुट हुआ और कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) ने सरकार बनाई, इससे दिल्ली में भी कांग्रेस-AAP में समझौते की गुंजाइश बनने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से अभी कांग्रेस-AAP गठबंधन को हरी झंडी नहीं मिली है।
AAP के साथ गठबंधन को लेकर दो वरिष्ठ कांग्रेस नेता पिछले दिनों थे सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों 24 मई को कांग्रेस और AAP में इस विषय को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में अनौपचारिक बातचीत भी हुई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस और AAP में गठबंधन को लेकर बातचीत हुई। इसके बाद AAP की ओर से भी गठबंधन की संभावनाओं को लेकर कांग्रेस के साथ कोशिश हुई है।
कांग्रेस दिल्ली में चाहती है तीन लोस सीट, AAP सिर्फ दो देने को तैयार
बताया जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में सीटों के बंटवारे पर भी बात हुई, जिसमें AAP ने 5 सीट खुद रखने और 2 सीट कांग्रेस को देने का प्रस्ताव दिया है। इसके पीछे बताया जा रहा है कि कांग्रेस के मुकाबले दिल्ली में AAP का वोट फीसद बहुत ज्यादा है।

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