भोपाल-इंदौर
एक्सप्रेस-वे सिक्स लेन होगा,
भोपाल-इंदौर
के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे सिक्स लेन होगा। इसके निर्माण पर 3000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस एक्सेस
कंट्रोल्ड सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के बनने से भोपाल-इंदौर के बीच की दूरी घटकर दो
घंटे रह जाएगी। मंगलवार को केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को अपनी सैद्धांतिक
मंजूरी दे दी। राज्य सरकार इसे इकोनॉमिक कॉरिडोर की तरह विकसित करेगी, जिसके बीच में नई टाउनशिप होने के साथ
ही वो तमाम सुविधाएं होंगी, जिससे बिजनेस करना आसान होगा।
मप्र
सड़क विकास निगम के संचालक मंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने ली,
जिसमें
यह जानकारी दी गई। इस दौरान चंबल और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के बारे में भी बात हुई। इंडस्ट्रियल हब के रूप में करेंगे
विकसित : इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस वे को इंडस्ट्रीयल हब के रूप में विकसित किया
जाएगा। हाइवे के दोनों ओर इंडस्ट्रीयल व रेसीडेंशियल प्लाट विकसित करने की भी
योजना है।
भारत-माला
में छह हजार किमी नेशनल हाइवे मंजूर
भारत
माला योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 5 हजार 987 किलोमीटर लंबाई के नेशनल हाइवे के निर्माण की
स्वीकृति दी गई है। सीधी-सिंगरौली एनएच का निर्माण इसी वर्ष अक्टूबर माह तक पूरा
हो जाएगा। देवास बायपास का निर्माण कार्य चल रहा है। दमोह-जबलपुर और सागर-दमोह
मार्ग की क्षमता वृद्धि और 2 लेन के प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं।
फोरलेन
रोड से अलग होगा
यह
वर्तमान भोपाल-इंदौर फोरलेन रोड से अलग होगा। एक्सप्रेस-वे के आसपास गांव नहीं
होंगे। इसके बाद सड़क विकास निगम केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेगी, जिसकी स्वीकृति के बाद जमीन अधिग्रहण
की कार्रवाई प्रारंभ होगी। जमीन अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करना है।
मंडीदीप
से जुड़ेगा एक्सप्रेस-वे
बताया
जा रहा है कि भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे को भोपाल बायपास के साथ मंडीदीप से जोड़ा
जाएगा,
ताकि
इकोनॉमिक कॉरिडोर बने। इस प्रोजेक्ट का पूरा पैसा भारत माला स्कीम में केंद्र
सरकार देगी। लिहाजा राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण के साथ एक्सप्रेस-वे के रूट को
तय करने का काम शुरू कर दिया है। एक माह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट के साथ यह तय हो
जाएगा कि भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे कहां-कहां से गुजरेगा।
चार
साल में बनकर तैयार होगा
जानकारी
के मुताबिक केंद्र से वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे अगले
चार साल में बनकर तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि अभी इंदौर पहुंचने में तीन से साढ़े
तीन घंटे लगते हैं। इसके बन जाने के बाद यह दूरी दो घंटे में पूरी हो सकेगी। सरकार
ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य 2022 तक रखा है।
संभावित
रूट :भोपाल बायपास का दक्षिणी छोर मंडीदीप-सीहोर तरफ से भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस
हाइवे को जोड़ेगा। इसी तरह इंदौर बायपास के धार तरफ वाले पश्चिमी हिस्से के निर्माण
का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है।
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