Wednesday 16 May 2018

पाठ्यक्रम में पोषण जागरूकता को शामिल किया जाएगा : मंत्री चिटनीस


पाठ्यक्रम में पोषण जागरूकता को शामिल किया जाएगा : मंत्री चिटनीस

पोषण जागरूकता की अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन पर ''भोपाल घोषणा-पत्र'' जारी
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस कहा है कि पोषण जागरूकता का विषय प्रदेश के शालेय तथा महाविद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक घर-परिवार तक पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना ही पोषण संवेदनशील कृषि तथा पोषण जागरूकता का उद्देश्य है। श्रीमती चिटनीस भोपाल में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर को संबोधित कर रही थी।
श्रीमती चिटनीस ने कहा कि पोषण की स्थिति में सुधार करना इस कालखण्ड की महत्वपूर्ण सामाजिक तथा नैतिक जिम्मेदारी है। इसकी अनदेखी से देश की अगली पीढ़ी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग सहित स्वास्थ्य, कृषि, पशु पालन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा स्कूल शिक्षा विभाग समन्वित रूप से पोषण की स्थिति में सुधार के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं। श्रीमती चिटनीस ने कहा कि कार्यशाला में हुए छः तकनीकी सत्रों में प्राप्त निष्कर्षों को क्रमशः कृषि, पोषण प्रबंधन, नीतिगत पहल, सामाजिक तथा व्यवहारिक नवाचार, और पोषण साक्षरता के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों को भोपाल घोषणा-पत्र में शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुश्री ललिता कुमार मंगलम् ने कहा कि भारत में कृषि श्रमिकों में 67 प्रतिशत् महिलाएं हैं। उन्होंने कृषि उपकरणों तथा कृषि मशीनरी की डिजाईनिंग महिलाओं की सुविधा के अनुसार करने की आवश्यकता बताई।
समापन अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक डॉ. ए.के.सिंह ने कहा कि पोषण संवेदनशील कृषि और पोषण जागरूकता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की पहल देश की अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है। श्री सिंह ने कहा कि तेजस्विनी जैसे अन्य समूह विकसित हों और न्यूट्रीशन थाली, तिरंगा थाली, किचन गार्डन के विचार का घर-घर प्रचार हो और वह व्यवहार में भी आए। इसके लिए सतत प्रयास करने की आवश्यकता है। डॉ. मीरा मिश्रा ने कहा कि पोषण में कमी एक वैश्विक समस्या है। उन्होंने पोषण में कमी की पहचान, निरन्तर निगरानी और महिला समूहों के क्षमता विकास संबंधी विषयों पर अपने विचार रखें।
कार्यशाला में पोषण पर भोपाल घोषणा-पत्र जारी किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री जे.एन.कांसोटिया, दीनदयाल शोध संस्थान दिल्ली के श्री अभय महाजन तथा श्री अतुल जैन और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जबलपुर के संचालक डॉ.अनुपम मिश्र, यूनिसेफ म.प्र. के प्रमुख श्री माईकल जूमा तथा संचालनालय महिला एवं बाल विकास आयुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव उपस्थित थे।
कार्यशाला में यूनिसेफ, इन्टरनेशनल फण्ड फॉर एग्रीकल्चर डेव्हलपमेन्ट, जर्मनी की संस्था जी.आई.जेड., इन्टरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट, ग्लोबल इन्वायरमेन्ट फेसिलिटेटर प्रोजेक्ट, इन्टरनेशनल इंस्टीट्यट फॉर मेज़ एण्ड व्हीट ने सहभागिता की।
समापन अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनीस ने सभी विषय विशेषज्ञों का सम्मान किया। इस अवसर पर आयुक्त, संचालनालय महिला एवं बाल विकास डॉ. अशोक भार्गव ने आभार व्यक्त किया।

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