Wednesday 30 May 2018

पेट्रोल और डीजल में 16 दिन बाद सिर्फ 1 पैसे सस्ता हुआ

पेट्रोल और डीजल में 16 दिन बाद सिर्फ 1 पैसे सस्ता हुआ

16 दिन बाद पहली बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में कुछ गिरावट आई है. पेट्रोल के दाम में मात्र 1 पैसे प्रति लीटर जबकि डीज़ल की क़ीमत में भी मात्र 1 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है. बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 78 रुपये 42 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल 69 रुपये 30 पैसे प्रति लीटर है. जबकि यह मंगलवार को पेट्रोल के दाम 78 रुपये 43 पैसे प्रति लीटर था और डीजल के दाम 69.31 रुपये प्रति लीटर थी. गौरतलब है कि सुबह यह खबर आ रही थी कि पेट्रोल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर जबकि डीज़ल की क़ीमत में 56 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है.
आपको बता दें कि मंगलवार को लखनऊ में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डॉलर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दाम चढ़े हैं लेकिन केन्द्र सरकार पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों को कम करने में लगी हुई है.
तेल की कीमतों के संकट पर मशहूर अर्थशास्त्री ने दिया यह नया फॉर्मूला
बुधवार को पेट्रोल  के दाम
दिल्ली  - 78.42
कोलकता - 81.05
मुंबई - 86.23
चेन्न ई - 81.42
बुधवार को डीजल के दाम
दिल्ली  - 69.30
कोलकता - 71.85
मुंबई - 73.78
चेन्न ई - 73.17
इससे पहले पेट्रोल-डीज़ल पिछले 15 दिनों से लगातार महंगा होता जा रहा था लेकिन सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स घटाने को तैयार नहीं है. पेट्रोल डीज़ल पर सब्सिडी ख़त्म करने की सिफ़ारिश 8 साल पहले मशहूर अर्थशास्त्री किरीट पारीख़ ने की थी. पारीख़ के सुझाव का ही असर था कि धीरे-धीरे ये सब्सिडी ख़त्म हुई. अब 2018 में तेल संकट पर किरीट पारीख़ नया फॉर्मूला लेकर आए हैं.
खत्म होगी बढ़ते तेल के दाम की चिंता, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरे दाम
एनडीटीवी से बातचीत में किरीट पारीख़ ने कहा 'भारत सरकार तेल पर एक्साइज़ डयूटी एक रूपया घटाए, दिल्ली सरकार 4% वैट कम करे तो पेट्रोल चार रूपया तक सस्ता हो सकता है.' पारीख का ये भी सुझाव है कि एलपीजी सिलिंडर पर अमीरों को सब्सिडी बंद की जाए. एनडीटीवी ने जब उनसे पूछा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर एक रूपया एक्साइज़ ड्यूटी घटाने से सरकार को करीब 13,000 करोड़ रूपये का राजस्व का नुकसान होगा तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर अमीरों को एलपीजी सब्सिडी पूरी तरह से बंद कर दे तो इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी. पारीख के मुताबिक करीब 30% लोग अब भी भारत में हैं जिन्हें एलपीजी सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है लेकिन वे इसका लाभ उठा रहे हैं.

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