कंपनियों
को जी.एस.टी. रिटर्न का मिलान नहीं होने पर नोटिस
माल
एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के अधिकारियों ने उन कंपनियों को जांच के नोटिस भेजना
शुरू कर दिया है जिनका कर भुगतान उनके अंतिम बिक्री रिटर्न से मेल नहीं खाता है।
राजस्व विभाग ने पाया कि 34 प्रतिशत कंपनियों ने कम जी.एस.टी. का भुगतान
किया है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी है। इनके अलावा उन कंपनियों को भी नोटिस मिला
है जिनका अंतिम बिक्री रिटर्न ‘जी.एस.टी.आर-1’ और खरीद रिटर्न ‘जी.एस.टी.आर-2 ए’ आपस में मेल नहीं खाते हैं।
राजस्व
विभाग द्वारा मार्च में किए गए आकलन के अनुसार 34 प्रतिशत कंपनियों ने जुलाई-दिसम्बर के
दौरान प्रारंभिक सारांश रिटर्न ‘जी.एस.टी.आर-3 बी’ दायर करने में 34,400 करोड़ रुपए कम कर का भुगतान किया है।
इन कंपनियों ने जी.एस.टी.आर.-3 बी के तहत 8.16 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया जबकि
जी.एस.टी.आर.-1 के
अनुसार इन्हें 8.50
लाख करोड़ रुपए कर का भुगतान करना था। गुजरात जी.एस.टी. आयुक्त कार्यालय द्वारा 4 मई को जारी एक नोटिस में करदाताओं से 14 मई तक अक्तूबर-दिसम्बर अवधि के लिए
दायर जी.एस.टी.आर.-3 बी
और जी.एस.टी.आर.-1
में असमानता का कारण बताने को कहा गया है।
एक
मासिक रिटर्न से जी.एस.टी. अनुपालन होगा सरल
वस्तु
एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के अनुपालन विशेषकर रिटर्न भरने को लेकर करदाताओं की
ङ्क्षचताओं को दूर किए जाने और अब सिर्फ एक ही मासिक रिटर्न भरने की व्यवस्था से
इसका अनुपालन सरल हो गया है। विश्लेषकों का कहना है कि अब तक जी.एस.टी. के लिए
पूरे एक साल में 36
रिटर्न भरने की व्यवस्था थी। हालांकि अभी सिर्फ एक ही रिटर्न जी.एस.टी.आर. थ्री बी
भरा जा रहा था लेकिन करदाता इसको लेकर ङ्क्षचतित थे कि आगे चलकर उसे हर महीने 3 रिटर्न भरने पड़ेंगे लेकिन जी.एस.टी.
परिषद की 27वीं
बैठक में इसका समाधान कर दिया गया है। अब कंपोजिशन स्कीम के डीलरों और शून्य
लेनदेन वाले डीलरों को छोड़कर सभी करदाता एक ही मासिक जी.एस.टी. रिटर्न भरेंगे।
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