इस
साल साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा
नोबेल
पुरस्कारों के 117
सालों के इतिहास में 8वीं
बार इस साल किसी विजेता को साहित्य का नोबल नहीं दिया जाएगा। दरअसल, विजेता का चुनाव करने वाली स्वीडिश
एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना फ्रोस्टेनसन के पति पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं।
इसीलिए 2018 के
विजेता के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। शुक्रवार को स्टॉकहोम में हुई ज्यूरी की
मीटिंग में फैसला लिया गया कि 2018 का साहित्य पुरस्कार अगले साल दिया जाएगा।
संस्था
की छवि हुई खराब
संस्था ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि
नोबेल पुरस्कार टालने का फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब संस्था की छवि खराब हुई। इसके अलावा
संस्था पर जनता का भरोसा कमजोर हुआ है।
18
महिलाओं ने लगाए शोषण के आरोप
- फ्रेंच
फोटोग्राफर जीन क्लाउड अरनॉल्ट पर सोशल मीडिया कैंपेन #मीटू के तहत नवंबर, 2017 में 18 महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
अरनॉल्ट की पत्नी कवयित्री और लेखिका फ्रोस्टेनसन स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर
रही हैं। हालांकि अरनॉल्ट इन आरोपों से खारिज कर चुके हैं।
एकेडमी
ने कटरीना से रिश्ते खत्म किए
- पति
पर आरोपों के चलते फ्रोस्टेनसन को 18 सदस्यीय कमेटी से निकालने को लेकर वोटिंग हुई।
स्थायी सदस्य सारा डेनिअस ने बताया कि एकेडमी ने कथित आरोपों के बाद मेंबर और उनके
पति से रिश्ते खत्म कर लिए हैं। वहीं, डेनिअस समेत अब तक एकेडमी के 6 मेंबर इस्तीफा दे चुके हैं।
अब
तक 8
बार नहीं मिले साहित्य में पुरस्कार
- बता
दें कि स्वीडिश एकेडमी की शुरूआत 1786 में हुई थी। पहली बार 10 दिसंबर 1901 को नोबेल पुरस्कार दिए गए थे।
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