कांग्रेस
के पास अब भी है कर्नाटक की सत्ता में BJP की एंट्री रोकने का मौका
कर्नाटक
में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े को
छूने से कुछ सीटें पीछे है. राज्य में चुनाव के नतीजों के देखें तो त्रिशंकु
विधानसभा की भी एक संभावना बन रही है. अगर ऐसा हुआ तो जेडीएस किंग मेकर की भूमिका
में नजर आ सकती है. यही नहीं, कांग्रेस के पास भी बीजेपी को सत्ता में आने से
रोकने का एक मौका होगा.
कर्नाटक
में 222
सीटों में से बीजेपी को 107 सीटें मिलती दिख रही हैं. इस तरह से उसे सरकार
बनाने के लिए कम से कम 5
सीटों की जरूरत और होगी. कांग्रेस 72 तो जेडीएस 41 सीटों पर आगे है. अन्य 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. यही
रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो फिर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए निर्दीलीय
विधायकों से काम नहीं चलेगा. इसके लिए जेडीएस का समर्थन पार्टी को हासिल करना
होगा.
बीजेपी
को कर्नाटक की सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बना
सकते हैं. इसके अलावा दूसरा रास्ता ये है कि जेडीएस को सरकार बनाने के लिए
कांग्रेस बाहर से समर्थन दें. कांग्रेस अगर कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनने का
ऑफर देती है, तो
ऐसी हालत में जेडीएस का बीजेपी के साथ जाना मुश्किल हो जाएगा. कांग्रेस इस
फॉर्मूले के जरिए हारी बाजी जीत सकती है.
हालांकि
बीजेपी भी जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेगी, लेकिन मुख्यमंत्री जैसा पद पार्टी कभी
नहीं छोड़ेगी. यही वजह है कि जेडीएस के बीजेपी के बजाय कांग्रेस के साथ मिलकर
सरकार बनाने के ज्यादा चांस हैं.
बता
दें कि 2004 के
विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनाकर उभरी थी. बीजेपी को 79, कांग्रेस को 65 और जेडीएस को 58 सीटें मिली थीं. इसके बावजूद बीजेपी
कर्नाटक में सरकार नहीं बना सकी. तब भी कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई
थी. एक बार कर्नाटक की राजनीति उसी मुहाने पर फिर खड़ी हो सकती है.
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