मुख्यमंत्री
चौहान ने विद्यार्थियों की कॅरियर कांउसलिंग "हम
छू लेंगे आसमाँ" में शामिल हुए
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ मॉडल स्कूल सभागार में 'हम छू लेंगे आसमाँ' कॅरियर कांउसलिंग पहल के शुभारंभ कार्यक्रम में
विद्यार्थियों को सफल, सार्थक और आनंदमय जीवन जीने की राह
दिखाई। श्री चौहान ने कहा है कि बेहतर कॅरियर के अनेक अवसर हैं। विद्यार्थी अपनी
मूल प्रवृत्ति, रूचि और विशेषज्ञता के अनुसार कॅरियर
का चयन करें। परचितों और परिजनों से भी चर्चा करें। लक्ष्य निर्धारित कर विस्तृत
और अग्रिम कार्य योजना का रोडमैप बनाकर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ सफलता के लिये
संकल्पित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य अथवा लक्ष्य असंभव
नहीं है। व्यक्ति में असीम शक्तियां होती हैं। वो जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है। मुख्यमंत्री ने अपने जीवन के
अनुभवों, अध्ययन और उनसे जुड़े प्रसंगों को
विद्यार्थियों से साझा किया।
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि वे बच्चों को सदैव मुस्कुराते हुए देखना चाहते हैं। बच्चे
आगे बढ़ेंगे तो प्रदेश आगे बढ़ेगा। हर बच्चा अपनी जिन्दगी को सफल बनाए। उसकी सफलता
और क्षमता का लाभ निश्चित ही प्रदेश को भी मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी की न्यू इंडिया के निर्माण की अवधारणा को सफल बनाने के लिये हमें नया
मध्यप्रदेश बनाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस भरवाने की
व्यवस्था राज्य सरकार ने कर दी है। बच्चे जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ें, इस मंशा से कॅरियर कांउसलिंग की व्यवस्था की गई
है। श्री चौहान ने कहा कि सफलता के लिये उच्च शिक्षा अनिवार्य नहीं है। विश्व में
अनेक व्यक्तियों ने उच्च शिक्षित नहीं होने पर भी सफलता के शीर्ष को छुआ है। कई
नये और बड़े व्यवसाय खड़े किये हैं। नये कीर्तिमान बनाये हैं। उन्होंने स्वयं के
उदाहरण से बताया कि उनका परिवार उन्हें चिकित्सक बनाना चाहता था किन्तु कार्य की
प्रकृति उनकी मूल प्रवृत्ति से नहीं मिलती थी। दर्शन का विषय उन्हें आकर्षित करता था
और उसी दिशा में वे आगे बढ़ते गये।
मुख्यमंत्री
ने पालकों से आग्रह किया कि वे संतानों पर दबाव नहीं बनायें। उन्हें उनकी रूचि और
प्रवृत्ति अनुसार कॅरियर का चयन करने में सहयोग करें। उन्होंने कवि को कविता पाठ
से मिलने वाले आनंद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि मूल रूचि के अनुसार
कार्य करने पर ही आनंद प्राप्त होता है। कवि को कविता की और चित्रकार को चित्र की
रचना से मिलने वाला आनंद अमूल्य है।
श्री
चौहान ने बताया कि कॅरियर चयन करने में विद्यार्थियों को सहयोग करने की पहल उनके
दिल से निकली है। वे दिल से चाहते हैं कि युवा सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि अर्थहीन शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, संस्कार और कौशल देना। रोजगारोन्मुखी शिक्षा भी
जरूरी है। उन्होंने प्रदेश में इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 1 लाख 12
हजार 625 बच्चों द्वारा 70 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने पर प्रसन्नता
व्यक्त करते हुए बताया कि गत वर्ष तक मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन
योजना में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले
छात्र-छात्राएँ लाभान्वित होते थे। बच्चों की मांग पर इस वर्ष से प्राप्तांक की
सीमा घटाकर 70 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने बताया
कि योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरवा रही है। गत वर्ष 750 से ज्यादा बच्चों की मेडिकल शिक्षा की फीस
सरकार ने भरवाई है। मेडिकल की फीस में 40
लाख रुपये तक भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के सपनों को मरने नहीं
देंगे। इसीलिये नि:शुल्क किताबें,
गणवेश, साइकिल से लेकर उच्च शिक्षा की फीस भरवाने की
योजनाएं बनायी गई हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने रोजगार विभाग के 'मॉयएमपी रोजगार' पोर्टल
का लोकार्पण किया। यह पोर्टल नियोजक और बेरोजगार के बीच संपर्क स्थापित करने का सशक्त
प्लेटफार्म होगा। इसमें 38 सेक्टर में 180 जॉब रोल्स उपलब्ध हैं।
माध्यमिक
शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री एस.आर. मोहंती ने बताया कि निशुल्क कॅरियर कांउसलिंग
का आयोजन तीन चरणों में किया गया है। प्रथम चरण में 21 मई से 31 मई
तक 12वीं कक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले, द्वितीय चरण में 4 जून से 14
जून तक 70 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले और तृतीय
चरण में 18 से 28
जून तक 12वीं के अनुतीर्ण 10वीं एवं 11वीं
उत्तीर्ण विद्यार्थियों की कांउसलिंग की जायेगी। कांउसलिंग के लिये 500 प्रशिक्षित काउंसलर की व्यवस्था की गई है।
काउंसलिंग की सूचना एसएमएस से दी जा रही है। कांउसलिंग के लिये 112 केन्द्र बनाये गये हैं। कैरियर प्रदर्शिनी
लगायी गई है। मार्गदर्शिका ब्रोशर का भी वितरण होगा। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती
जयश्री कियावत ने कार्यक्रम में आगन्तुकों का स्वागत किया। उन्होंने विभाग के
पोर्टल पर विद्यार्थियों के सवाल और सुझाव भी आमंत्रित किये।
इस
अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, स्कूल
शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत
देशमुख, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री
बी.आर. नायडू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल मौजूद थे।
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