उच्चतम
न्यायालय में न्यायपालिका-कार्यपालिका में जजों की नियुक्ति को लेकर गतिरोध
उच्चतम
न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्तियों को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका
के बीच चल रही खींचतान शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में उस समय खुल कर सामने आ गयी
जब केन्द्र ने उच्च न्यायालयों में रिक्त स्थानों पर नियुक्तियों के लिए थोड़े
नामों की सिफारिश करने पर कोलेजियम पर सवाल उठाए। शीर्ष अदालत ने भी इसके जवाब में
कोलेजियम द्वारा की गई सिफारिशें लंबित रखने के लिए केन्द्र को आड़े हाथ लिया।
न्यायमूर्ति
मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल
से कहा , ‘हमें
बताएं , कितने
नाम (कोलेजियम द्वारा की गई सिफारिशें) आपके पास लंबित हैं। ’ अटार्नी जनरल ने जब यह कहा , ‘मुझे इसकी जानकारी हासिल करनी होगी’
तो पीठ ने व्यंग्य
करते हुए कहा , ‘जब
यह सरकार पर आता है तो आप कहते हैं कि हम मालूम करेंगे।’
पीठ
ने यह तल्ख टिप्पणी उस वक्त की जब वेणुगोपाल ने कहा कि यद्यपि न्यायालय मणिपुर ,
मेघालय और
त्रिपुरा उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रिक्त स्थानों के मामले की सुनवाई कर
रही है , लेकिन
तथ्य तो यह है कि जिन उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 40 पद रिक्त हैं , वहां भी कोलेजियम सिर्फ तीन नामों की
ही सिफारिश की रही है।
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