रणनीतिक
साझेदारी में बदले भारत-रूस के संबंध : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सोमवार को अपनी पहली
अनौपचारिक शिखर वार्ता में भारत-रूस संबंधों के नए आयाम को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी अब 'खास विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' में बदल गई है, जो
एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
रूस
में काला सागर के तटीय शहर सोची में हुई दोनों नेताओं की इस मुलाकात में मोदी ने
अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि भारत और रूस लंबे समय से दोस्त रहे हैं और यह
दोस्ती अटूट रही है। मोदी ने कहा,
'मैं
राष्ट्रपति पुतिन का आभारी हूं कि उन्होंने अनौपचारिक मुलाकात के लिए मुझे
आमंत्रित किया। इस तरह से हमारी लंबी दोस्ती में यह एक नया आयाम जुड़ गया है।' उन्होंने कहा कि आपने (पुतिन) द्विपक्षीय
संबंधों में अनौपचारिक शिखर वार्ता का एक नया आयाम जोड़ दिया है। मैं इसे बड़ा
अवसर मानता हूं।'
मोदी
ने इस दौरान कम से कम सात बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र
किया। 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी के साथ अपने पहले रूस दौरे को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उनके राजनीतिक
करियर में भी रूस और पुतिन काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि
पुतिन पहले वैश्विक नेता थे, जिनसे उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री
बनने के बाद मुलाकात की थी। मोदी ने कहा, 'तब
से 18 साल बीत चुके हैं और विभिन्न मुद्दों
पर विचार-विमर्श के लिए मुझे आपसे मुलाकात के कई अवसर मिले और भारत-रूस संबंधों को
आगे ले जाने की कोशिश की।' उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री
वाजपेयी और राष्ट्रपति पुतिन द्वारा बोये गए रणनीतिक साझेदारी के बीज अब दोनों
देशों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गए हैं।
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