PNB घोटाले
में इलाहाबाद बैंक की CEO पर कार्रवाई
पीएनबी
घोटाले के गुनहगारों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पीएनबी घोटाले में सीबीआइ की
पहली चार्जशीट दाखिल होने के कुछ ही घंटे बाद वित्त मंत्रालय ने इलाहाबाद बैंक की
एमडी और सीईओ उषा अनंतसुब्रह्माण्यन को हटाने का एलान कर दिया है।
वह
वर्ष 2015 से
वर्ष 2017 के
बीच पीएनबी की एमडी और सीईओ थीं। उनके कार्यकाल में ही भगोड़े उद्योगपति नीरव मोदी
की कंपनी ने धांधली शुरू की थी।
उनके
अलावा पीएनबी के दो अधिशासी निदेशकों केवी ब्रह्माजीराव और संजीव शरण के खिलाफ भी
कार्रवाई की जाएगी। पीएनबी ने अपने इन दोनों अधिकारियों की आधिकारिक शक्तियों को
निरस्त कर दिया है।
चार्जशीट
दाखिल होने के कुछ ही देर बाद बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने संवाददाताओं को बताया
कि पीएनबी और इलाहाबाद बैंक के निदेशक बोर्ड को चार्जशीट में शामिल सभी लोगों के
खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।
इलाहाबाद
बैंक से कहा गया है कि वह अनंतसुब्रह्माण्यन से सारे अधिकार वापस लेकर उनके खिलाफ
आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करे। इलाहाबाद बैंक के निदेशक बोर्ड की अगले दो दिनों
में बैठक होने के आसार हैं, जिसमें अनंतसुब्रह्माण्यन को हटाने के फैसले पर
मुहर लगाई जाएगी।
दूसरी
तरफ वित्त मंत्रालय के निर्देश के कुछ ही देर बाद पीएनबी ने अपने बोर्ड की
आपातकालीन बैठक बुलाई और दोनों ईडी के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी। कुमार का कहना
है कि शीर्ष पद पर बने रहने की वजह से इन सभी अधिकारियों की भूमिका ज्यादा अहम थी।
लेकिन, ये
अपने दायित्व को निभाने में असफल रहे।
उल्लेखनीय
है कि पिछले छह महीने में कई सरकारी बैंकों के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के
आरोपों में कार्रवाई हुई है। हाल ही में सिंडिकेट बैंक के एमडी व सीईओ मेलविन रिगो
को धांधली के एक पुराने आरोप में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था।
इंडियन
बैंक के एमडी और सीईओ किशोर कारत के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। रिगो पहले
आइडीबीआइ के डिप्टी एमडी थे जबकि कारत आइडीबीआइ के पूर्व सीईओ थे। फंसे कर्जे के
मामले में और भी कई बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। सीबीआइ
अभी बैंकिंग धोखाधड़ी के चार दर्जन मामलों की जांच कर रही है।
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