समय
की सबसे बड़ी जरूरत रोजगारमूलक शिक्षा - मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रोजगारमूलक शिक्षा समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
रोजगारमूलक शिक्षा के विस्तार के लिये राज्य शासन द्वारा निरन्तर कारगर प्रयास
किये जा रहे हैं। राज्य शासन का संकल्प है कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक कुशल
मानव संसाधन उपलब्ध हों, जिससे औद्योगिक विकास को नई दिशा मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज इंदौर में सिंबायसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस का
उदघाटन कर रहे थे।
शिक्षा
के विस्तार पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बिजली, सड़क, पानी, कृषि विकास तथा शिक्षा के विस्तार के लिये
प्राथमिकता के साथ तेजी से काम किये गये हैं। इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं
के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश में डेढ़ लाख किलोमीटर की नई सड़कें
बनाई गई हैं। नागरिकों को 24x7 बिजली देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने
कहा कि शिक्षा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में अनेक बड़ी
शैक्षणिक संस्थाएँ शुरू हुई हैं। इनमें प्रमुख रूप से सिंबॉयसिस, इन्फोसिस, नरसीमुंजी, टीसीएस आदि शामिल है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षा के अनुरूप बेहतर निवेश हुआ है। अब हमारे
प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिये प्रदेश के बाहर नहीं
जाना पड़ रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में ऐसे कुशल विद्यार्थी तैयार हों,
जिन्हें शिक्षा
प्राप्त करते ही रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिये औद्योगिक इकाइयों से भी निरन्तर
सम्पर्क किया जा रहा है और उनकी आवश्यकता का आंकलन कर शिक्षा व्यवस्था की जा रही
है। आईआईटी का उन्नयन भी किया जा रहा है। प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा
रहा है।
सिंबॉयसिस
यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाईड साइंसेस के चांसलर डॉ. एस.बी. मजूमदार ने कहा कि
मध्यप्रदेश में उन्हें शैक्षणिक संस्था की स्थापना के लिये राज्य शासन विशेषकर
मुख्यमंत्री श्री चौहान का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है। प्रदेश शासन की मित्रवत
नीति के कारण निवेश करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। आवश्यकता के अनुरूप
पर्याप्त जमीन और सुविधाएँ राज्य शासन द्वारा मुहैया कराई गई। शासन के साथ ही
विभिन्न विभागों के अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त हुआ।
प्रो-चांसलर
डॉ. स्वाति मजूमदार ने कहा कि चार वर्ष पूर्व ही इस संस्थान के लिये भूमि-पूजन
किया गया था। कम समय में ही भवन बनकर तैयार होना और यूनिवर्सिटी चालू होना हम सबके
लिये गौरव का विषय है। इसके लिये उन्होंने राज्य शासन विशेषकर मुख्यमंत्री श्री
चौहान, अधिकारियों,
जन-प्रतिनिधियों
तथा नागरिकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। डॉ. मजूमदार ने कहा कि यूनिवर्सिटी को
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप रोजगारमूलक शिक्षा पर
केन्द्रित किया गया है। अन्त में वाइस चांसलर डॉ. कैलाश श्रीवास्तव ने आभार
माना। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी ने इसी
साल से 15 नए
सर्टिफिकेट कोर्सेस के साथ एमबीए एक्जीक्यूटिव का कोर्स भी शुरू करने की घोषणा की।
800 से
ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत
देश
की एकमात्र स्किल डेवलेपमेट यूनिवर्सिटी सिंबॉयसिस ने सन् 2016 से यहाँ अपना पहला चरण शुरू किया
था। दो साल बाद अब 2018 में यूनिवर्सिटी पूरी तरह शुरू हो गई
है। यूनिवर्सिटी को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। यूनिवर्सिटी के पाँच स्कूल ऑफ
बैंकिंग, फायनेंसियल
सर्विसेस एवं इंश्योरेंस, स्कूल ऑफ रिटेल मैनेजमेंट और ई-कॉमर्स, स्कूल ऑफ ऑटोमोबाइल एवं
मेन्युफैक्चरिंग, स्कूल
ऑफ मेकेट्रानिक्स, स्कूल
ऑफ कम्प्यूटर साइन्स एण्ड इन्फॉरमेशन टेक्नालॉजी में 800 से ज्यादा छात्र-छात्राऍं पढ़ रहे हैं।
यहाँ एमबीए, बीएफएसआई,
बीबीए, आरएम, आटोमोबाइल एण्ड मेन्यूफैक्चरिंग,
बी-टेक, सीएसआईटी जैसे कोर्सेस कराए जा रहे
हैं। आने वाले सत्र में यूनिवर्सिटी अपनी कार्पोरेट-सोशल रेस्पांसिबिलिटी के तहत
कम्युनिटी कॉलेज खोलने की योजना बना रही है। इसका मकसद कम समयावधि में रोजगारोन्मुखी
कोर्सेस से युवाओं को कौशल दक्ष बनाना है। साथ ही यूनिवर्सिटी एमबीए एक्जीक्यूटिव
कोर्स और विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू कर रही है।
मुख्यमंत्री
ने यूनिवर्सिटी परिसर का अवलोकन किया
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने यूनिवर्सिटी परिसर का अवलोकन किया तथा स्किल डेवलपमेंट के लिए दिये
जा रहे विभिन्न प्रशिक्षणों की जानकारी ली।
उन्होंने इस दौरान जर्मनी से आयातित लुकास न्यूले लेब, द फायनेंसियल सेंटर, ट्रेनिंग बैंक, रिटेल लेब, सेल्स लेब आदि का भी अवलोकन किया।
इस
अवसर पर महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह,
इन्दौर विकास
प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शंकर लालवानी, विधायक सर्वश्री मनोज पटेल, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला,महेन्द्र हार्डिया और सुश्री उषा ठाकुर,
जन-प्रतिनिधि,
अधिकारी,
विद्यार्थी और
अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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