Monday 30 April 2018

राहुल गांधी भारत-चीन सीमा पर हालात का जायजा लेंगे,


राहुल गांधी भारत-चीन सीमा पर हालात का जायजा लेंगे,

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही भारत-चीन सीमा पर हालात का जायजा लेने जाएंगे. वो चीन सीमा से सटे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाकों का दौरा करेंगे. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए अगले महीने सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करेगी. भारत-चीन सीमा के इलाकों का दौरा करने वाली इस संसदीय समिति में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक यह संसदीय समिति डोकलाम में भारत-चीन सैन्य गतिरोध के विभिन्न पहलुओं को देख रही है और पूर्ववर्ती विदेश सचिव व मौजूदा विदेश सचिव विजय गोखले इस मुद्दे पर कई बार जानकारी दे चुके हैं. समाचार एजेंसी भाषा ने एक सूत्र के हवाले से बताया,‘‘समिति इन दो राज्यों में सीमा पर स्थिति का जायजा लेने और जमीनी हकीकत को देखने के लिए सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करेगी.’’
एक अन्य सूत्र का कहना है कि यह समिति इन दो राज्यों में भारत-चीन सीमा पर स्थिति की जमीनी हकीकत जानना चाहती है. सूत्रों ने बताया कि समिति स्थिति का मुआयना करने के लिए हेलिकॉप्टर का भी इस्तेमाल कर सकती है. समिति वहां तैनात शीर्ष सुरक्षा और रक्षा अधिकारियों से भी रू-ब-रू हो सकती है. मालूम हो कि चीनी सेना विवादित ट्राई-जंक्शन पर सड़क निर्माण कर रही थी, जिसको भारत की ओर से रोके जाने के बाद पिछले वर्ष 16 जून से सिक्किम सेक्टर में डोकलाम में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध पैदा हो गया था. यह गतिरोध 73 दिनों तक चला था.
डोकलाम को लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद है. इससे पूर्व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने 31 सदस्यीय संसदीय समिति को सूचित किया था कि भूटान इस मुद्दे पर भारत के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा था. सूत्रों ने बताया था कि डोकलाम पर चीन के उद्देश्य पर विचार-विमर्श के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से सवाल किया था कि आखिर चीन ने टकराव के लिए डोकलाम को ही क्यों चुना? राहुल ने डोकलाम के निकट चीन की व्यापक निर्माण गतिविधियों संबंधी खबरों के बारे में भी पूछा था, जिस पर अधिकारियों ने जवाब दिया था कि भारतीय क्षेत्र में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.

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