आसाराम
को उम्र कैद की सजा
अब
आसाराम को पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे कैदी नंबर 130 बनकर गुजारनी पड़ेगी. जेल में आसाराम
को कैदी नंबर 130
दिया गया है. आसाराम को अपनी शिष्या के साथ यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा
सुनाई गई है. एक समय था जब आसाराम के लाखों भक्त थे पर अब नाबालिग से बलात्कार के
मामले में अदालत से सजा पाने के बाद आसाराम की पहचान सिर्फ कैदी नंबर 130 के तौर पर होगी.
अदालत
का फैसला सुनते ही आसाराम रोने लगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जेल में बंद
आसाराम के दिन और रात भी अलग तरह से गुज़ारने होंगे. वैसे तो आसाराम पिछले करीबन
साढ़े चार साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में एक आरोपी के तौर पर रह रहा था लेकिन अदालत
के फैसले के बाद अब आसाराम आरोपी नहीं बल्कि यौन शोषण का दोषी है.
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साल के आसाराम के ऊपर एक दूसरा मामला भी चल रहा है जिसमे वो एक अन्य महिला के साथ
बलात्कार के आरोपों में अभियुक्त है. आज जिस मामले में सजा सुनाई गई है उसमें
आसाराम के अलावा शिवा, शरतचंद,
शिल्पी भी
अभियुक्त थे.
रेप
के मामले में आसाराम को कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम के
रूद्रपुर स्थित आश्रम में सन्नाटा पसर गया है. वहीं स्थानीय लोगों ने आश्रम से
दूरी बना ली है. स्थानीय लोग बताते हैं कि आश्रम पिछले चार साल से ही वीरान हो गया
था, जब
उसे रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि चार साल पहले
यहां जब कोई कार्यक्रम होता था तो गाड़ियों की कतार लग जाती थी. लेकिन आज ग्रामीण
भी आसाराम को ‘ढोंगी
बाबा’ कहकर
बात करने से कतरा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस आश्रम को पीड़िता के पिता ने
ही बनवाया था.
अदालत
के फैसले से पहले तक आसाराम को जेल में घर का बना खाना भी मिल जाता था. इसके अलावा
घर से आए कपड़े भी पहन सकता था. इसी वजह से अभी तक आसाराम की जो भी तस्वीरें सामने
आ रही थी उसमें वह जेल के कपड़ों में नहीं बल्कि कुछ उसी तरह के कपड़ों में नजर आ
रहा था जिन कपड़ो में वह इससे पहले कभी प्रवचन देते हुए तो कभी अपने अनुयायियों के
बीच में नजर आता था. साथ ही अक्सर सर पर एक टोपी होती थी.
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