रामराज्य का सपना अब रह जाएगा अधूरा ऐसा लगता है- तोगड़िया
उपचुनाव में बीजेपी की हार के मौके पर विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक संवेदनशील पत्र लिखा है. तोगड़िया ने पीएम से मिलने का समय मांगा है.
केंद्र सरकार से नाराज चल रहे तोगड़िया ने 'आजतक' के संवाददाता सिद्धार्थ से कहा, जो होना चाहिए वह नहीं हुआ. किए हुए वादे पूरे नहीं किए गए. गुजरात में राजस्थान में, मध्य प्रदेश में और यूपी में समय का पहिया पलट रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र में तोगड़िया ने पुरानी बातों की याद दिलाई है. प्रधानमंत्री मोदी को मोटा भाई बताते हुए उन्होंने लिखा है, बहुत समय हो गया, हम दोनों में कोई बीतचीत नहीं हुई जबकि 1972 से 2005 तक लगातार संवाद होता रहा है.
तोगड़िया ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, हम दोनों ने साथ रहकर बहुत काम किया. हमारे घर कार्यालय में आप का आना साथ में भोजन चाय ठहाके लगाकर हंसना याद है. मुझे विश्वास है आप कुछ भी नहीं भूले होंगे. तोगड़िया ने पत्र में लिखा है कि आपातकाल के दौरान दीवारों पर अंधेरे में दो प्रकाश अटल बिहारी, जय प्रकाश यह लिखने का काम हम दोनों ने कई रातों में किया था.
तोगड़िया ने लिखा कि वह और उनके जैसे तमाम कार्यकर्ता रामराज्य का सपना संजोए हुए थे, लेकिन 4 साल की सरकार के बाद अब वह सपना बिखरता हुआ नजर आ रहा है. हिंदुओं के विषय में वचन पूर्ति की राह देखते हुए कई मुद्दे हैं. इन मुद्दों में सबसे पहला मुद्दा है अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर जो संसद में कानून से अब बंद ही सकता है.
तोगड़िया ने कहा, गौरक्षकों को गुंडा कहकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए हुए आदेश और एडवाइजरी को वापस लेना चाहिए. पत्र में मोदी सरकार को कॉमन सिविल कोड पर अपने वायदे को पूरा करने को भी कहा गया है.
किसानों की स्थिति के बारे में पत्र में जिक्र करते हुए तोगड़िया ने लिखा, भाई आप अच्छी तरह जानते हैं मैं गुजरात के सौराष्ट्र के गरीब किसान परिवार से हूं. मैंने स्वयं मेरे हाथों से खेती की है. आज भी खेती करने जाता हूं. हमारे घर में गांव के खेत से लाई हुई सब्जी आपने खाई है. गांव में किसानों की आज की स्थिति कितनी बुरी है यह मैंने बहुत करीब से देखा है. तोगड़िया ने कहा, देश भर के हजारों किसानों से मिलकर उनकी बातें सुनी है. किसानों के मुद्दों पर आपसे इसलिए संवाद करना चाहता हूं.
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में तोगड़िया ने कहा, विकास के लिए हिंदुओं को अपमानित करने की आवश्यकता नहीं होती है. दोनों साथ साथ चल सकते हैं. अगर चर्चा संवाद हो, लेकिन गौरक्षकों को गुंडा कहना, देवालय के पहले शौचालय जैसे तुलनात्मक बयान, कश्मीर में सेना पर हत्या के मुकदमे और पत्थरबाजों के मुकदमे वापस लेना, हर दिन सीमा पर जवान और खेतों में किसानों की मौतें और अचानक बदली आर्थिक नीतियों से हजारों बेरोजगार लोगों की बात भी तोगड़िया ने की है.
प्रवीण तोगड़िया ने कहा, 4 साल बीत चुके हैं सरकार ने अपने तमाम वादों पर यू टर्न लिया है, लेकिन अभी भी समय है साथ में बैठकर चर्चा करके हम सब देश को हिंदुत्व और विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकते हैं.
उपचुनाव में बीजेपी की हार के मौके पर विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक संवेदनशील पत्र लिखा है. तोगड़िया ने पीएम से मिलने का समय मांगा है.
केंद्र सरकार से नाराज चल रहे तोगड़िया ने 'आजतक' के संवाददाता सिद्धार्थ से कहा, जो होना चाहिए वह नहीं हुआ. किए हुए वादे पूरे नहीं किए गए. गुजरात में राजस्थान में, मध्य प्रदेश में और यूपी में समय का पहिया पलट रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र में तोगड़िया ने पुरानी बातों की याद दिलाई है. प्रधानमंत्री मोदी को मोटा भाई बताते हुए उन्होंने लिखा है, बहुत समय हो गया, हम दोनों में कोई बीतचीत नहीं हुई जबकि 1972 से 2005 तक लगातार संवाद होता रहा है.
तोगड़िया ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, हम दोनों ने साथ रहकर बहुत काम किया. हमारे घर कार्यालय में आप का आना साथ में भोजन चाय ठहाके लगाकर हंसना याद है. मुझे विश्वास है आप कुछ भी नहीं भूले होंगे. तोगड़िया ने पत्र में लिखा है कि आपातकाल के दौरान दीवारों पर अंधेरे में दो प्रकाश अटल बिहारी, जय प्रकाश यह लिखने का काम हम दोनों ने कई रातों में किया था.
तोगड़िया ने लिखा कि वह और उनके जैसे तमाम कार्यकर्ता रामराज्य का सपना संजोए हुए थे, लेकिन 4 साल की सरकार के बाद अब वह सपना बिखरता हुआ नजर आ रहा है. हिंदुओं के विषय में वचन पूर्ति की राह देखते हुए कई मुद्दे हैं. इन मुद्दों में सबसे पहला मुद्दा है अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर जो संसद में कानून से अब बंद ही सकता है.
तोगड़िया ने कहा, गौरक्षकों को गुंडा कहकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए हुए आदेश और एडवाइजरी को वापस लेना चाहिए. पत्र में मोदी सरकार को कॉमन सिविल कोड पर अपने वायदे को पूरा करने को भी कहा गया है.
किसानों की स्थिति के बारे में पत्र में जिक्र करते हुए तोगड़िया ने लिखा, भाई आप अच्छी तरह जानते हैं मैं गुजरात के सौराष्ट्र के गरीब किसान परिवार से हूं. मैंने स्वयं मेरे हाथों से खेती की है. आज भी खेती करने जाता हूं. हमारे घर में गांव के खेत से लाई हुई सब्जी आपने खाई है. गांव में किसानों की आज की स्थिति कितनी बुरी है यह मैंने बहुत करीब से देखा है. तोगड़िया ने कहा, देश भर के हजारों किसानों से मिलकर उनकी बातें सुनी है. किसानों के मुद्दों पर आपसे इसलिए संवाद करना चाहता हूं.
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में तोगड़िया ने कहा, विकास के लिए हिंदुओं को अपमानित करने की आवश्यकता नहीं होती है. दोनों साथ साथ चल सकते हैं. अगर चर्चा संवाद हो, लेकिन गौरक्षकों को गुंडा कहना, देवालय के पहले शौचालय जैसे तुलनात्मक बयान, कश्मीर में सेना पर हत्या के मुकदमे और पत्थरबाजों के मुकदमे वापस लेना, हर दिन सीमा पर जवान और खेतों में किसानों की मौतें और अचानक बदली आर्थिक नीतियों से हजारों बेरोजगार लोगों की बात भी तोगड़िया ने की है.
प्रवीण तोगड़िया ने कहा, 4 साल बीत चुके हैं सरकार ने अपने तमाम वादों पर यू टर्न लिया है, लेकिन अभी भी समय है साथ में बैठकर चर्चा करके हम सब देश को हिंदुत्व और विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकते हैं.
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