Tuesday 13 March 2018

SBI ने मिनिमम बैलेंस के चार्ज कम किए,

SBI ने मिनिमम बैलेंस के चार्ज कम किए,

चौतरफा दवाब के बीच देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने खातों में रखी जाने वाली कम से कम रकम की शर्त को पूरा नहीं करने पर लगने वाले शुल्क में 75 फीसदी तक घटाने का फैसला किया है. हालांकि कम से कम रकम की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
ताजा फैसला पहली अप्रैल से लागू होगा. इससे कम कम से कम 25 करोड़ बैंक ग्राहकों को फायदा होगा. बैंक का कहना है कि विभिन्न पक्षों से मिली प्रतिक्रिया के बाद शुल्क घटाने का फैसला किया गया। ध्यान रहे कि ऐसे शुल्क की बदौलत अप्रैल-नवम्बर 2017 के दौरान 1771 करोड़ रुपये की कमाई की थी. ये जुलाई-सितम्बर तिमाही के मुनाफे से कहीं ज्याद है जबकि चालू कारोबारी साल के पहले छह महीने के मुनाफे का करीब आधा. लोकसभा में ये जानकारी रखे जाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की खासी आलोचना शुरु हो गयी जिसके बाद उसे शुल्क की दर घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
ताजा फैसले के तहत महानगरों और शहरों में शुल्क की सबसे ऊंची दर दर 50 रुपये से घटाकर 15 रुपये कर दी गयी है, वहीं अर्धशहरी इलाको में ये दर 40 रुपये से घटाकर 12 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 10 रुपये कर दी गयी है. इस पर अलग से 18 फीसदी की दर से जीएसटी यानी वस्तु व सेवा कर भी चुकाना होगा. शुल्क केवल आम बचत खाते यानी सेविंग्स बैंक अकाउंट पर भी लगेगा। प्रधानमंत्री जन धन योजना औऱ साधारण बचत खाता जमा यानी बीएसबीडी पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.
इस समय बैंक के कुल 41 करोड़ बचत खाते हैं जिसमें से 16 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन योजना, बीएसबीडी, पेंशनधारकों, छोटे बच्चो और सामाजिक सुरक्षा का फायदा पाने के लिए खोले गए खाते हैं. ऐसे खातों पर हर महीने कम से कम एक निश्चित रकम रखने की कोई शर्त नहीं है. इसीलिए शुल्क की व्यवस्था के दायरे में सिर्फ 25 करोड़ खाते आएंगे.

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