भारत सोलर पावर में चीन को देगा चुनौती
भारत ने रविवार को इंटरनैशनल सोलर अलायंस (आईएसए) के पहले सम्मेलन का आयोजन किया। 121 देशों को एक साथ लाने वाला यह आयोजन हाल के समय का सबसे बड़ा कूटनीतिक आयोजन है। माना जा रहा है कि पूरी दुनिया में गैरपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की मुहिम जिस तरह तेज हुई है, उसमें इस सम्मेलन ने भारत को दुनिया में सोलर पावर की राजधानी के तौर पर स्थापित किया है। आईएसए का सचिवालय भी गुरुग्राम में बनाया गया है। एक उपलब्धि यह भी है कि भारत को इस गठजोड़ में फ्रांस जैसे उन्नत सोलर तकनीक वाले देश का सहयोग मिला है। विदेश मामलों के संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) के नागराज नायडू ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन भी आईएसए में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन समझौते पर उनके हस्ताक्षर अभी बाकी हैं।
भारत ने रविवार को इंटरनैशनल सोलर अलायंस (आईएसए) के पहले सम्मेलन का आयोजन किया। 121 देशों को एक साथ लाने वाला यह आयोजन हाल के समय का सबसे बड़ा कूटनीतिक आयोजन है। माना जा रहा है कि पूरी दुनिया में गैरपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की मुहिम जिस तरह तेज हुई है, उसमें इस सम्मेलन ने भारत को दुनिया में सोलर पावर की राजधानी के तौर पर स्थापित किया है। आईएसए का सचिवालय भी गुरुग्राम में बनाया गया है। एक उपलब्धि यह भी है कि भारत को इस गठजोड़ में फ्रांस जैसे उन्नत सोलर तकनीक वाले देश का सहयोग मिला है। विदेश मामलों के संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) के नागराज नायडू ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन भी आईएसए में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन समझौते पर उनके हस्ताक्षर अभी बाकी हैं।
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