Wednesday 14 March 2018

बैंकिंग घोटाले को RBI गवर्नर ने बताया देश के भविष्य पर डाका

बैंकिंग घोटाले को RBI गवर्नर ने बताया देश के भविष्य पर डाका

पंजाब नैशनल बैंक घोटाले पर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने आखिर चुप्पी तोड़ दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा नियामकीय संस्थाओं पर सवाल उठाए जाने के बाद पटेल ने कहा है कि वह पत्थर खाने और नीलकंठ की तरह विषपान करने को तैयार हैं। उन्होंने बैंकिंग घोटाले को लेकर दुख, गुस्सा अफसोस जाहिर करते हुए इसे देश की भविष्य पर डाका बताया है।
अरबपति जूलर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी में 13,000 करोड़ से अधिक के घोटाले को लेकर पटेल ने कहा, 'बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से रिजर्व बैंक में बैठे हम लोगों को भी गुस्सा, दुख और अफसोस होता है। कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों द्वारा मिलकर देश के भविष्य पर डाका डालने के समान हैं।'
पीएनबी घोटाले के बाद से आरबीआई लगातार निशाने पर है। गुजरात नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एक लेक्चर के दौरान केंद्रीय बैंक के मुखिया ने कहा, 'यदि हमारे ऊपर पत्थर फेंके जाते हैं और हमें नीलकंठ की तरह विषपान करना पड़े तो हम इसे अपने कर्तव्य के रूप में स्वीकार करेंगे।' मिथकों का उदाहरण देते हुए पटेल ने कहा कि आरबीआई आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था में ऋण संस्कृति को उसी तरह साफ कर रही है जैसे मंदार पर्वत से समुद्र मंथन किया गया था।
उन्होंने कहा कि जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है और देश के भविष्य के लिए स्थिरता का अमृत हासिल नहीं कर लिया जाता है, किसी न किसी को तो मंथन से निकलने वाले विष का पान करना पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'यदि हमें पत्थरों का सामना करना पड़ा और नीलकंठ की तरह विषपान करना पड़ा, हम इसे अपने कर्तव्य की तरह करेंगे। हम अपने प्रयासों के साथ आगे बढ़ेंगे और हमेशा बेहतर होते रहेंगे।’
'कोई भी नियामक नहीं पकड़ सकता सारे घोटाले'
उन्होंने कहा कि हर बार घोटाले के बाद के यह चलन हो जाता है और कहा जाता है कि रिजर्व बैंक को इसे पकड़ना चाहिए था। उन्होंने कहा, कोई भी बैंकिंग नियामक सारे घोटाले को पकड़ या रोक नहीं सकता है। पीएनबी मामले का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि आरबीआई ने साइबर जोखिमों की समीक्षा पर आधारित परिचालन संबंधी ऐसी खामियों की पहचान की थी जो नुकसानदेह हो सकते थे।
उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि उन्हीं खामियों के जरिये यह घोटाला हुआ है। पटेल ने कहा कि आरबीआई ने2016 में तीन परिपत्रों के जरिये महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया था ताकि बैंक इन खामियों को दूर कर सकें। यह अब स्पष्ट हो चुका है कि बैंकों ने उन निर्देशों पर अमल नहीं किया। बैंकों की आंतरिक व्यवस्था स्पष्ट निर्देशों के बाद भी परिचालन की खामियां दूर करने में असफल रहे।'
पीएम और वित्त मंत्री की फटकार
पंजाब नैशनल बैंक में 11,300 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के एक सप्ताह बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी। उन्होंने आरबीआई का नाम लिए बिना कहा था, 'विभिन्न फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन में नियम और नीयत बनाए रखने का दायित्व जिन्हें दिया गया है वो पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाएं। विशेषकर जिन्हें निगरानी और मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।' इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी निगरानी संस्थाओं और ऑडिटर्स पर सवाल उठाए थे।

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