Monday 19 February 2018

जज लोया मामला: SC ने कहा- गंभीरता से ले रहे हैं केस, जरूरत हुई तो जांच के देंगे आदेश


जज लोया मामला: SC ने कहा- गंभीरता से ले रहे हैं केस, जरूरत हुई तो जांच के देंगे आदेश


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी.एच. लोया की मौत के मामले को अत्यंत गंभीरतासे ले रहा है और अदालत कक्ष के बाहर जो कुछ भी कहा गया हो उस पर ध्यान नहीं देगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे को आश्वस्त किया कि कोई भी इस मामले में उन्हें दलील रखने से नहीं रोक सकता है और शीर्ष अदालत मामले पर अत्यंत सावधानीसे विचार कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर जरूरत हुई तो इस मामले में जांच के आदेश भी जारी किए जाएंगे।
पीठ की यह टिप्पणी तब आई जब बांबे लॉयर्स एसोसिएशन की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता दवे ने दावा किया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लोया की मौत से संबंधित मामले में दलील रखने को लेकर हाल में उन्हें कारण बताओनोटिस जारी किया है। वहीं पल्लव सिसोदिया ने दवे पर मीडिया में एक लेख लिखकर मामले से अलग होने के लिये उनपर दबाव डालने का आरोप लगाया। सिसोदिया महाराष्ट्र के पत्रकार बी.एस. लोन की तरफ से पेश हो रहे हैं। उन्होंने भी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की है।
पीठ ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया उसके समक्ष पक्षकार नहीं है और दवे मामले में पूरी स्वतंत्रता से मामले में दलील रख सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों को धमकाने का प्रयास हुआ। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दवे की दलीलों का विरोध किया और कहा कि इस तरह का कोई नियम नहीं है और रिट याचिकाओं में अगर दम नहीं रहा है तो शुरुआत में या एकपक्षीय तरीके से भी खारिज की गई हैं।
सुनवाई के अंतिम हिस्से में सिसोदिया ने पीठ से कहा, ‘श्रीमान दवे दबाव के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने खुद मीडिया में एक लेख लिखकर मामले से अलग होने के लिए मुझपर दबाव डाला है।इसपर दवे ने कहा, ‘मैं अपने लेख पर कायम हूं। आप पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से पेश हुए हैं और अब इस मामले में न्यायिक अधिकारी की मौत की जांच की मांग कर रहे हैं।तब पीठ ने कहा, ‘चाहे जो भी दबाव हो, हम अपना काम करेंगे

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