Thursday 22 February 2018

IT ने गीतांजलि ग्रुप की 1,200 करोड़ की यूनिट पर लगाया ताला


IT ने गीतांजलि ग्रुप की 1,200 करोड़ की यूनिट पर लगाया ताला


पीएनबी में महाघोटाले के बाद हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों और ठिकानों पर लगातार छापे डाले जा रहे हैं, अब आयकर विभाग ने हैदराबाद स्थित गीतांजलि ग्रुप के हजारों करोड़ों की सेज यूनिट को अपने कब्जे में ले लिया है.
गीतांजलि ग्रुप नीरव मोदी के मामा मेहुल चोकसी की है और इसकी एक यूनिट हैदराबाद में है जो करीब 150 एकड़ में फैली है और इसकी कीमत 1,200 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. इस पर आयकर विभाग ने अस्थायी तौर पर सील कर दिया है. गीतांजलि ग्रुप इसे स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज) के रूप में इस्तेमाल करता है, जिसका मकसद अन्य कंपनियों को किराए पर जगह मुहैया कराना है.
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर आरोप है कि इन लोगों ने भारत के बाहर अपना कालाधन भेजा. आयकर विभाग की ओर से अभी तक की जांच में 2 मामले सामने आए हैं, जिसमें नीरव मोदी ने अपने कालेधन (3 करोड़ डॉलर) को भारत के बाहर भेजे हैं. दोनों ही मामलों में नीरव मोदी के खिलाफ जांच चल रही है.
नीरव की 9 लग्जरी कारें जब्त
इस घोटाले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कार्रवाई लगातार जारी है. सीबीआई और ईडी ने सेबी से गुजारिश कर मेहुल चोकसी के शेयर को फ्रीज करने की अपील की है. इससे पहले ईडी ने नीरव मोदी और उसकी कंपनी की 9 लग्जरी कारें जब्त कीं. इन कारों की कीमत कई करोड़ बताई जा रही है. इनमें सिर्फ एक कार रॉल्स रॉयस घोस्ट की कीमत ही 6 करोड़ है. इसके अलावा 2 मर्सिडीज बेंज GL 350, एक पॉर्शे पैनामेरा, तीन होंडा और एक टोयोटा फॉर्चूनर और एक टोयोटा इनोवा है.
नीरव और मेहुल चौकसी ग्रुप के 94 करोड़ के शेयर भी जब्त कर लिए गए हैं. अब सीबीआई और ईडी ने सेबी से कहा है कि गीतांजलि जेम्स में मेहुल चोकसी के शेयर्स को फ्रीज किया जाए. सेबी ने दोनों जांच एजेंसियों की बात पर नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपोजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) से कहा है कि वे गीतांजलि जेम्स में मेहुल चोकसी के शेयरों को फ्रीज कर दें.
इस बीच पंजाब नेशनल बैंक ने मुख्य आरोपी नीरव मोदी को चिट्ठी लिख उसके झूठ का पर्दाफाश किया. बैंक ने नीरव को लिखा कि आपने गलत ढंग से बैंक अधिकारियों की मदद से सारे एलओयू हासिल किए. किसी भी तरह से हमारे बैंक द्वारा आपकी तीनों पार्टनर कंपनियों को कोई सहुलियत नहीं दी गई थी.
वहीं वित्त मंत्रालय भी एक्शन में आ गया है. मंत्रालय ने बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें साफ कहा गया कि इस घोटाले पर पीएनबी बोर्ड की जिम्मेदारी तय की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक सरकार इस घोटाले की जवाबदेही तय करेगी.
दूसरी ओर, घोटाले पर कई बैंक कर्मचारियों के पकड़े जाने पर नाराज अखिल भारतीय बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने सरकार से कहा है कि सभी बैंकों में धोखाधड़ी करने वाले डिफॉलटर्स के नामों का ऐलान करे. बैंक अधिकारियों के इस संगठन से करीब 3 लाख अधिकारी जुड़े हैं.
एआईबीओसी ने जारी अपने प्रेस रिलीज में कहा कि आरबीआई खुद ऐसे डिफॉल्टरों के नामों का ऐलान करने से हिचक रही है. इसका फायदा उठाकर कई डिफॉल्टर देश छोड़कर विदेश भाग गए. मार्च 2016 तक सरकारी बैंकों से 38 फीसदी कर्ज 11,643 लोगों ने ले रखे हैं. जबकि 12 एनपीए खातों में ढाई लाख करोड़ रुपये जमा हैं जो कुल का 84 फीसदी बैठता है. एनपीए का ताल्लुक कॉरपोरेट घरानों से होता है.

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