Friday 9 February 2018

अयोध्या में मंदिर बने, सौ-दौ किमी दूर बने मस्जिद


अयोध्या में मंदिर बने, सौ-दौ किमी दूर बने मस्जिद

सुप्रीम कोर्ट में एक तरफ जहां अयोध्या विवाद पर सुनवाई चल रही है, वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं दारुल उलूम नदवतुल उलमा के डीन मौलाना सैयद सलमान हुसैनी और श्रीश्री रविशंकर के बीच बृहस्पतिवार को बंगलूरू में मुलाकात के बाद एक नया फार्मूला सामने आया है। इस फार्मूले पर आम लोगों से लेकर प्रबुद्ध व संत-धर्माचार्यों ने सबसे मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने मौलाना हुसैनी और श्रीश्री से जल्द से जल्द अयोध्या आने की अपील भी की है।
दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने फार्मूले का स्वागत किया है। कहा कि यदि मुस्लिम विवादित स्थान से अपना दावा छोड़ने को तैयार हैं तो, यह सराहनीय है। अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के बाहर कहीं भी मस्जिद बने, हमें कोई ऐतराज नहीं। ज्योतिष गुरू स्वामी हरिदयाल मिश्र ने कहा कि अयोध्या के बाहर मस्जिद बनें हमें कोई ऐतराज नहीं है। कहा कि देर से ही सही मुस्लिम अपना दावा छोड़ने को तैयार हैं। इससे सद्भाव की एक नई पारी की शुरूआत होगी। साकेत पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप खरे कहते हैं कि मौलाना नदवी का फार्मूला देश के लिए बड़ी बात है, इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इससे विवाद सुलझेगा और अयोध्या में तरक्की तो होगी ही, देश का सम्मान भी बढ़ेगा। मदनी की तरह अब पक्षकारों को खुलकर सामने आना चाहिए।

फार्मूला स्वागत योग्य: महंत दिनेंद्र दास
मामले में पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने भी फार्मूले का स्वागत किया है। कहा कि जो नया फार्मूला आया है वह सराहनीय है, इससे इस मामले का समाधान हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्मोही अखाड़ा मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के अंदर या बाहर जमीन भी देने के लिए तैयार हैं, मुस्लिमों द्वारा अयोध्या में राममंदिर की बात करना स्वागत योग्य है।

अब किसी फार्मूले की जरूरत नहीं: महंत नृत्यगोपाल दास
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण की एक मात्र विकल्प है अब किसी फार्मूले की जरूरत नहीं है। रामलला विराजमान तो हैं ही बस उनके मंदिर को भव्य एवं दिव्य रूप देना बाकी है। तथ्यों एवं कथ्यों के आधार पर फैसला होना है, हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द ही निर्णय आ जाएगा।

रविशंकर भ्रम पैदा कर रहे: महंत धर्मदास
हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर कोई पक्षकार नहीं हैं, यह मुकदमा हिंदू-मुस्लिम का नहीं बल्कि राम जी का मुकदमा है और राम जी सबके हैं। राम मानवता के हैं, शंाति के हैं। हिंदू-मुस्लिम के नाम पर राम-रहीम को बांटने का काम किया गया है। कहा कि रविशंकर भ्रम पैदा कर रहे हैं, मामले में कोर्ट का निर्णय ही मान्य होगा।

कोर्ट जो निर्णय देगा वही मान्य होगा: इकबाल
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी इस फार्मूले को बेकार बताया और कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। जो कोर्ट निर्णय देगा वही मान्य होगा। कहा कि जो फार्मूला नया इजाद किया गया है, वह पहले मुकदमे में जो पार्टी हैं उनके सामने पेश किया जाना चाहिए। फिलहाल अब फार्मूले के लिए नहीं मामले के समाधान की जरूरत है।

फार्मूले लेकर आने वाले अभी तक कहां थे: हाजी महबूब
पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि अपनी-अपनी आवाज सभी को उठाने का हक है। लेकिन आवाज उठाना ही है तो मामले में जो पार्टी हैं उनके समक्ष फार्मूले को पेश किया जाए। अभी हमारे पास तो कोई आया ही नही हैं। अब इस मामले में राजनीति बंद होनी चाहिए। फार्मूले लेकर आने वाले 70 साल से मुकदमा चल रहा अभी तक कहां थे।

फार्मूले का दौर अब समाप्त: शरद शर्मा
विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने भी फार्मूले को मानने से इंकार किया। कहा कि इनके फार्मूले को पहले तो जो पार्टी हैं वे स्वीकार करें। फार्मूले को दौर अब समाप्त हो चुका है। तथ्य व कथ्य हमारे पास में हैं। मुस्लिम जानते हैं कि बाजी उनके हाथ से निकल गई हैं इसलिए नए फार्मूला को लेकर आ रहे हैं।

मुस्लिम छोडे़ं अपना दावा : बबलू खान
राममंदिर निर्माण की मुहिम चला रहे बबलू खान ने भी फार्मूला को मानने से इंकार किया और कहा कि अयोध्या में सिर्फ राममंदिर चाहिए। मस्जिद या यूनिवर्सिटी की जरूरत नहीं। मुस्लिमों को दरियादिली दिखाते हुए जमीन हिंदू पक्ष को सौंप देनी चाहिए। अब तो अदालत जो निर्णय देगी वही मानेंगे। राममंदिर के अलावा कुछ स्वीकार नहीं।

सब कुछ कोर्ट की कार्रवाई पर निर्भर: सत्येंद्र दास
रामजन्म भूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विहिप व उससे जुड़े संतों ने पहले ही कह दिया कि अब किसी प्रकार के फार्मूले का कोई औचित्य नहीं है। यूनिवर्सिटी का भी प्रस्ताव मान्य नहीं है। अब सब कुछ कोर्ट की कार्रवाई पर ही निर्भर है। इनकी मांग अड़ियल है हम चाहते हैं जल्द से जल्द राममंदिर का निर्माण हो।

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