ट्रंप के फंड रोकते ही चीन का PAK प्रेम
जागा
चीन ने आज कहा कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर
उंगली उठाए जाने और उसे आतंकवाद के साथ जोड़ने का वह विरोध करता है. साथ ही बीजिंग
ने इसपर जोर दिया कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी किसी देश
विशेष पर नहीं डाली जा सकती है.
पाकिस्तान के बचाव में कुतर्क
पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के सुरक्षित
पनाहगाहों को खत्म करने को लेकर इस्लामाबाद पर बढ़ते अमेरिका दबाव के बीच चीन ने
उक्त बात कहते हुए अपने मित्र का समर्थन किया है. तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे
आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में असफल रहने को लेकर अमेरिका
ने सुरक्षा सहायता के रूप में पाकिस्तान को मिलने वाली दो अरब डॉलर की राशि पिछले
सप्ताह निलंबित कर दी थी.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने
संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'चीन हमेशा से आतंकवाद को देश विशेष से
जोड़ने के खिलाफ रहा है और हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की जिम्मेदारी किसी देश
विशेष पर डालने पर भी राजी नहीं है.'
आतंकवाद के सवाल पर चीन का जवाब
लु कांग व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के बयान पर
जवाब दे रहे थे, जिसमें अधिकारी ने कहा था कि चीन पाकिस्तान को
यह समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है कि आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह
के खिलाफ कार्रवाई करना उसके अपने हित में है.
उन्होंने कहा, 'हमने कई बार इस
बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई की दिशा में
बहुत बलिदान दिए हैं और महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. कांग ने कहा कि देशों को
परस्पर सम्मान और आपसी सहयोग के जरिए आतंकवाद-निरोधी सहयोग को मजबूत करना चाहिए,
नाकि
एक-दूसरे पर उंगली उठानी चाहिए. यह दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ चलाये जा रहे
मुहिम के लिए सही नहीं है.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.