20 दाग AAP की ईमानदारी पर,
दिल्ली
की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की
सिफारिश लेकर मचा घमासान तेज होता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में
आरोप-प्रत्यारोप इसलिए तेज हो गए हैं, क्योंकि अगर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने AAP के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया, तो जाहिर तौर पर सत्तर सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 20 सीटों पर चुनाव फिर से होंगे.
इन 20 सीटों पर चुनाव को लेकर जहां एक ओर AAP बेहद चिंतित है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस में
खुशी की लहर है. दोनों विपक्षी दलों ने इन 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. दरअसल, आम आदमी पार्टी के पास उसके 20 विधायकों के अयोग्य होने का लिखित
परवाना कभी भी पहुंच सकता है.
दिल्ली
में दोबारा चुनाव को लेकर AAP चिंतित
अगर
राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की सिफारिश मानी, तो दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 20 पर चुनाव शुरू हो जाएंगे. दोबारा चुनाव की चिंता आम आदमी पार्टी के
माथे पर साफ देखी जा सकती है. AAP के 20 विधायकों के अयोग्य घोषित होने की
सिफारिश के बाद मचा संग्राम शुक्रवार शाम तक शांत हो गया था, लेकिन AAP के नए नवेले सांसद संजय सिंह ने इस संग्राम की
शुरुआत सुबह-सुबह फिर कर दी.
संजय
सिंह को कौन समझाए कि दूसरे के पाप गिनाने से अपने पाप कम नहीं हो जाते.
विपक्षियों की नज़र में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत पूरी पार्टी संदिग्ध
हैं. लिहाजा सवाल उठना लाजमी है. AAP पर तंज कसते हुए विपक्षी कह रहे हैं कि चुप्पी तोड़िए केजरीवाल जी.
कांग्रेस
चुनाव की तैयारी में जुटी
सिर्फ
बीजेपी ही नहीं,
दिल्ली
पर लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस विधानसभा में शून्य है. लिहाजा उसका
आक्रोश ज्यादा शक्तिशाली है. लेकिन आम आदमी पार्टी की तरफ से बीजेपी पर तो निशाना
साधा जा रहा है,
मगर
कांग्रेस पर डोरे डाले जा रहे हैं. AAP के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चुनाव
आयोग की सिफारिश की खबरों से उत्साहित दिल्ली कांग्रेस ने संबद्ध विधानसभा
क्षेत्रों में संभावित उप-चुनावों के लिए योजना बनानी शुरू कर दी है.
दिल्ली
कांग्रेस ने की बैठक
शुक्रवार
को दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन और कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रभारी पीसी चाको
एक बैठक में शरीक हुए. इसमें पार्टी पदाधिकारियों ने उभरते परिदृश्य और 20 विधानसभा क्षेत्रों में संभावित
चुनावों के बारे में चर्चा की. इस बैठक में शरीक हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने
बताया कि पूरी बैठक के दौरान AAP के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश पर चर्चा केंद्रित रही. इस
दौरान आने वाले दिनों में सभी 20 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन करने का फैसला किया गया.
केजरीवाल
सरकार पर खतरा नहीं
आम
आदमी पार्टी को चुनाव आयोग और हाईकोर्ट से झटका लग चुका है. अब सोमवार को दोबारा
सुनवाई है. मगर राहत की उम्मीद न के बराबर ही है. 20 विधायकों के अयोग्य हो जाने से दिल्ली की सरकार
पर तो कोई खतरा नहीं है, क्योंकि
उसे दिल्ली विधानसभा में भारी बहुमत हासिल है. मगर इतना जरूर है कि विधायक अयोग्य
हुए, तो 20 सीटों पर फिर से चुनाव होंगे और जाहिर सी बात
है कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए ये चुनाव संजीवनी जैसे होंगे.
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