महिला सशक्तिकरण में स्व-सहायता समूहों की
भूमिका महत्वपूर्ण : श्री चौहान
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जन अभियान परिषद
शासी निकाय की बैठक सम्पन्न
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है
कि महिला सशक्तिकरण में स्व-सहायता समूहों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह महिला सशक्तिकरण प्रयासों में क्रांति का
सूत्रपात कर सकते हैं। उन्हें सशक्त बनाने और सहयोग के स्वैच्छिक प्रयासों को
मजबूत करने की जरूरत है। श्री चौहान आज जन अभियान परिषद के शासी निकाय की नौंवी
वार्षिक सामान्य सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर वन, योजना,
आर्थिक
एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला स्व-सहायता
समूहों को मजबूत बनाने के प्रयासों में जन अभियान परिषद की सक्रियता बढ़ाने की
जरूरत बताई। उन्होंने परिषद के अधिकारी-कर्मचारियों के लिये निगम मंडलों के समान
चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध करवाने और महिला कर्मचारियों को शासकीय नियमों के
अनुसार प्रसूति अवकाश देने की व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने नवांकुर और
प्रस्फूटन समितियों की सक्रियता को और अधिक बढ़ाने की जरूरत बताई। नर्मदा सेवा समितियों
को पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण गतिविधियों के संचालन पर केन्द्रित स्वैच्छिक
संगठन के रूप में विकसित किये जाने के प्रयास करने को कहा।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि नर्मदा सेवा
समितियों का सम्मेलन दिसम्बर माह में आहूत किया जायेगा। प्रदेश में प्रधानमंत्री
जन औषधि केन्द्रों की स्थापना के प्रथम चरण में 300 केन्द्रों की
स्थापना की कार्रवाई प्रचलित है। केन्द्रों की स्थापना परिषद के ब्यूरो ऑफ फार्मा
पब्लिक सेक्टर ऑफ इंडिया के साथ हुये एम.ओ.यू. के अंतर्गत की जा रही है।
बैठक में परिषद की वित्तीय प्रगति की समीक्षा
की गई। ऑडिट रिपोर्ट का अनुमोदन किया गया। इस अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष श्री
राघवेन्द्र गौतम, श्री प्रदीप पांडे, मुख्य सचिव श्री
बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव वन श्री दीपक खांडेकर, मुख्यमंत्री
के प्रमुख सचिव श्री अशोक बर्णवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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