Sunday 29 October 2017

नर्मदा सेवा यात्रा में केवल आरती पर खर्च किए पौने दो करोड़ रुपए

नर्मदा सेवा यात्रा में केवल आरती पर खर्च किए पौने दो करोड़ रुपए


मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी की अविरल धारा को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए निकाली गई 'नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा' के दौरान एक प्रहर में होने वाली आरती पर 59 हजार रुपये खर्च किए गए है। जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पांडे ने बताया कि सुबह और सायं होने वाली आरती की जिम्मेदारी साध्वी प्रज्ञा भारती और उनकी मंडली के जिम्मे रही। कुल 148 दिन चली इस यात्रा में रोजाना होने वाली आरती पर 1,18,000 रुपये खर्च किए गए, जो 148 दिनों के हिसाब से 1,74,64,000 रुपये बैठती है। उन्होंने बताया 148 दिन की यात्रा में लगभग 50 स्थानों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। आरती में होने वाले खर्च के सवाल पर उन्होंने कहा इसके लिए खर्च का कोई प्रावधान नहीं किया गया था। खरगौन के महिमाराम भार्गव की आरटीआई पर सूचना मिली है कि चार मार्च को महेश्वर घाट पर हुई आरती पर 58,650 रुपये का खर्च आया है। इसका भुगतान जनपद पंचायत महेश्वर ने किया। इस आरती में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए थे। 58,650 रुपये का आरती का भुगतान इंदौर की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को किया गया।
इसमें विशिष्टजनों के ठहरने, खाने, टेंट, वाहन आदि पर खर्च किया गया धन शामिल नहीं है। नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा में पूरे समय हिस्सा लेने वाली साध्वी प्रज्ञा भारती का कहना है,'उनका आरती का प्रकल्प चल रहा है, वे नर्मदा यात्रा के दौरान दोनों समय आरती करती थीं। इसके लिए उनके साथ मंडली भी थी। उनके पास आरती स्वयं की है। घी-बाती आदि के लिए जरूर कुछ श्रद्धालु मदद करते थे। आरती के एवज में उन्होंने कुछ नहीं लिया।

भार्गव के मुताबिक, महेश्वर स्थित पर्यटन विकास निगम में पांच कमरों में ठहरने और खाने का भुगतान 77,608 रुपये का किया गया। इसके अलावा वाहनों में उस दिन 25 हजार का ईंधन भराया गया। भार्गव बताते है कि उन्हें जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, उनमें एक ठेला लगाने वाले को 1,000 लोगों के खाने का ऑर्डर दिया गया। उसके खाते में 1,40,000 रुपये जमा किए गए, लेकिन भुगतान के नाम पर 2,40,000 रुपये का चेक जारी किया गया है। इस यात्रा की जिम्मेदारी सरकार ने जन अभियान परिषद को सौंपी थी। यह यात्रा कहां-कहां से गुजरेगी, विश्राम, शुरुआत कहां से होगी, यह सारी जिम्मेदारी परिषद को तय करना थी। यह यात्रा 16 जिलों और 1,104 कस्बों व गांव से हो कर गुजरी। इस दौरान कुल 3,344 किलोमीटर का रास्ता तय किया गया। यात्रा 11 दिसंबर, 2016 को अमरकंटक नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से शुरू हो कर 15 मई, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमरकंटक में संपन्न हुई।

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