मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना
अनुसूचित जनजाति वर्ग के 6000
युवाओं को मिलेगा लाभ
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति
वर्ग के शिक्षित युवाओं को विभिन्न रोजगार-मूलक व्यवसायों में नियोजित करने एवं
स्व-रोजगार स्थापित करने मेपसेट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसके लिए 18 से
35 वर्ष के युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री
कौशल्या योजना के जरिए लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने योजना को वर्ष 2017-18 से
2019-20 तक निरंतर संचालन के लिए 30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस
योजना में 6 हजार युवाओं को लाभान्वित किया जाएगा। लगभग 2000
युवा प्रति वर्ष प्रशिक्षित होंगे। इसमें मेपसेट द्वारा चयनित भारत सरकार/राज्य
सरकार के अंतर्गत संस्थानों, एनएसडीसी पार्टनर संस्थानों, उद्योगों,
यूजीसी
से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित कर
सफल प्रशिक्षणार्थियों का रोजगार में प्लेसमेंट करवाया जाएगा।
आवास सहायता से एक लाख से अधिक विद्यार्थी
लाभान्वित
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रदेश के अनुसूचित
जनजाति के बालक-बालिकाओं को अपने गृह निवास से बाहर महाविद्यालयीन या उच्च-स्तर की
शिक्षा निरंतर रखने के लिए आवास योजना संचालित है। इसमें छात्रों को प्रति माह
संभाग-स्तर पर 2000 रुपये, जिला-स्तर पर 1250 रुपये
और विकासखण्ड/तहसील मुख्यालय पर 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना में गत
3 वर्षों में कुल एक लाख 4 हजार 887 विद्यार्थी
लाभान्वित हुए हैं। योजना के जरिए अगले 3 साल में अनुसूचित जनजाति के लगभग एक
लाख 73 हजार से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे। इस योजना के संचालन के लिए वर्ष
2017-18 से 2019-20 तक 200 करोड़ रुपये
मंजूर किए गए हैं।
दशहरा मिलन समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज
सिंह चौहान, लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह, पूर्व
मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला,
विश्वविद्यालयों
के कुलपति, धर्मगुरू, प्रशासनिक तथा
पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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