Wednesday 4 October 2017

ERO-Net शुरू करने वाला देश में 26वाँ राज्य बना मध्यप्रदेश



निर्वाचन अमले को चुनाव की नई तकनीक का प्रशिक्षण जरूरी
निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत द्वारा मध्यप्रदेश में ईआरओ-नेट का शुभारम्भ
ERO-Net शुरू करने वाला देश में 26वाँ राज्य बना मध्यप्रदेश
भारत निर्वाचन आयोग के चुनाव आयुक्त श्री ओ.पी. रावत ने कहा है कि निर्वाचन अमले को नई तकनीक के प्रशिक्षण के साथ ही उसकी पूरी जानकारी होना जरूरी है। आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न करवाने के लिए अनेक नवाचारों के साथ नवीनतम टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए यह जरूरी है कि हमें इस बात का ज्ञान हो कि नवीन तकनीक को किस प्रकार और कैसे बेहतर ढंग से संचालित करें। श्री रावत आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मध्यप्रदेश के लिए ईआरओ-नेट का शुभारम्भ कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीना सिंह, उप निर्वाचन आयुक्त श्री संदीप सक्सेना तथा संचालक आईटी भारत निर्वाचन आयोग श्री व्ही.एन. शुक्ला और कुछ जिलों के कलेक्टर, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
श्री ओ. पी. रावत ने बताया कि आयोग मतदाता सूची एवं निर्वाचन संचालन में आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इस दिशा में ईआरओ-नेट एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्यप्रदेश ईआरओ-नेट शुरू करने वाला देश में 26वाँ राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि ईआरओ-नेट ऐसी प्रक्रिया है, जिससे पूरे देश के ईआरओ एक साथ जुड़ जायेंगे तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान एक-दूसरे से कर सकेंगे। निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को निर्णय लेने के लिए सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। इससे निर्णय सही एवं समय पर सम्भव हो सकेगा। समस्त आवदेनों का डिजिटल रिकार्ड ईआरओ के पास उपलब्ध रहेगा और इसको कभी भी सत्यापित करने में सुविधा होगी। ईआरओ-नेट मतदाता सूची को बनाये जाने में एक वृहद एवं प्रभावी प्रशासनिक टूल सिद्ध होगा। दावे/आपत्तियों का निराकरण तीव्र गति से गुणवत्तापूर्वक किया जा सकेगा। मृत मतदाताओं का डाटा-बेस उपलब्ध रहेगा, जिससे नाम हटाने में सुविधा होगी। मतदाता के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर पहले वाले स्थान से नाम हटाने तथा नए स्थान पर नाम जुड़वाने की प्रक्रिया सरल होगी। राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्घ डाटा अद्यतन रियल टाइम पर सुरक्षित रहेगा। मतदाता को उसके आवदेन के निराकरण की जानकारी समय-समय पर एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध होगी तथा निर्वाचन तंत्र को भी आवदेन का निराकरण समय पर करने के लिए अलर्ट एसएमएस प्राप्त होगा। मतदाता को अपने मतदान केन्द्र की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जायेगी।

श्री रावत ने बताया कि मोबाईल एप भी इस नेट से लिंक रहेगी जिससे मतदाता कहीं से भी और कभी भी आवेदन कर सकेगा। राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NSVP) के माध्यम से मतदाता अपना आवेदन कर सकेगा। नागरिकों के लिए अपनी या किसी अन्य क्षेत्र में डुप्लीकेट नाम होने, किसी के मृत होने इत्यादि की जानकारी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी ईआरओ-नेट में रहेगी। इससे मतदाता सूची और अधिक त्रुटि-रहित होगी तथा मल्टीपल प्रविष्टियाँ दूर होगी। मतदाताओं को बूथ लेवल अधिकारी तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) के नाम और मोबाईल नम्बर तथा मतदान केन्द्र पर उपलब्घ सुविधाओं की जानकारी भी आसानी से उपलब्ध होगी।
श्री वी.एन. शुक्ला ने प्रस्तुतिकरण द्वारा ईआरओ-नेट के कम्युनिकेशन प्लान और अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईआरओ-नेट की स्टेण्डर्ड प्रक्रिया पूरे देश में एक साथ चलेगी, जो 14 भाषाओं में है। इसमें डुप्लीकेट एपिक कार्ड के लिए 001 फार्म भी शामिल किया गया है। ईआरओ-नेट मतदाताओं से सीधा संबंध बनाने की प्रक्रिया है, जिसमें उनके मोबाइल और ई-मेल भी शामिल रहेंगे। प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखा गया है कि निर्वाचन से जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की क्या भूमिका हो। उप चुनाव आयुक्त श्री संदीप सक्सेना ने कहा कि आयोग ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की सुविधा को ध्यान में रखकर ईआरओ-नेट बनाया है। ईआरओ-नेट के संबंध में मध्यप्रदेश से प्राप्त सुझावों की उन्होंने सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया में ईआरओ से संबंधित 95 प्रतिशत जरूरतों को शामिल किया गया है। आयोग ने इस बात की भी पहल की है कि मतदाता का एपिक नम्बर पूरे देश में एक ही हो तथा नाम का दोहराव न हो। ईआरओ-नेट से वोटर लिस्ट की गुणवत्ता उत्कृष्ट होगी। श्री सक्सेना ने आधुनिक तकनीक से मतदाता सूची को विश्वसनीय एवं पारदर्शी तथा त्रुटि-रहित बनाने में ईआरओ-नेट के उपयोग की जानकारी भी दी।
प्रारंभ में श्रीमती सलीना सिंह ने श्री ओ.पी. रावत तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश द्वारा ईआरओ-नेट के संबंध में की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब कोई भी नागरिक किसी भी समय कहीं से भी इंटरनेट एवं मोबाइल का उपयोग कर ईआरओ-नेट के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। श्रीमती सिंह ने ईआरओ-नेट को भारतीय लोकतंत्र का अहम कदम बताया, जिससे बड़ी संख्या में मतदाता लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर ईआरओ-नेट प्रशिक्षण पर आधारित लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन भी किया गया।

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