मातृभूमि की प्रतिबद्धता कांग्रेस की कभी
प्राथमिकता नहीं रही
-पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जे.जे. सिंह ने खुलासा
कियाः शर्मा
भोपाल(ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश
उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मातृभूमि प्रेम और राष्ट्रभक्ति के
लिये जहा भारतीय सेना के जवान अपना शीश कटाने को मोर्चा पर तत्पर रहते हैं
कांग्रेस के लिए यह सब सियासी सुविधा का मामला रहा है। दुनिया का सबसे ऊंचा
बर्फीला युद्ध क्षेत्र सियाचीन हमारे भारत के लिए निगरानी प्रहरी के रूप में है।
जीरों से माइनस चालीस डिग्री मौसम में फौजी वहां जान पर खेलकर रक्षा करते हैं।
पाकिस्तान और चीन की फौजी हरकतों पर निगाह रखते हैं। सियाचिन पाकिस्तान के जिम्मे
छोड़कर 2006 में कांग्रेस की यूपीए सरकार पाकिस्तानी हुकूमत से रिश्ता सुधारना
चाहती थी। पूर्व फौजी जनरल जे.जे.सिंह ने खुलासा करते हुए कहा है कि कुर्बानी तो
फौज कर रही है, फिर तत्कालीन केंद्र सरकार को क्या पड़ी थी कि
उसने फौज को विश्वास में लिये बगैर सियाचिन समर्पण की वार्ता गोपनीय तरीके से आंरभ
कर दी। इससे मातृभूमि के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता की पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस दोहरे चरित्र
पर हैरत में पड़ने की कोई बात नहीं हैं यह तो कांग्रेस का शुरू से ही चरित्र रहा
है। उसने ही साम्प्रदायिक आधार पर देश का बटवारा कबूल किया। अखंड भारत को खंड-खंड
कर दिया। आजादी के बाद देश की भौगोलिक अखंडता भी अक्षुण्ण नहीं रखी जा सकी।
शर्मा ने कहा कि जब संसद में 1962 में
भारत की चीन के हाथ पराजय और भारतीय भूमि पर चीन द्वारा किये गये अतिक्रमण का सवाल
उठा था नेहरू जी ने प्रधानमंत्री के रूप में मातृभूमि से कब्जा हटाने के बजाय कहा
था कि चीन ने जिस भूमि पर कब्जा किया है वह बर्फीला जमीन का टुकड़ा है और घास भी नहीं उगती। उनके लिए मातृभूमि के
संरक्षण की प्रतिबद्धता नहीं भारत की भूमि सिर्फ एक बर्फीली जमीन का टुकड़ा थी।
कांग्रेस की मातृभूमि के प्रति प्रतिबद्धता की पोल खुल चुकी है। कांग्रेस का असली
चरित्र जनता के सामने आ चुका है।
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