Tuesday 26 September 2017

सूखे की स्थिति पर 30 सितम्बर तक रिपोर्ट तैयार करें : मुख्यमंत्री श्री चौहान



सूखे की स्थिति पर 30 सितम्बर तक रिपोर्ट तैयार करें : मुख्यमंत्री श्री चौहान
कमिश्नर, कलेक्टर मिलकर राजस्व की शिकायतों की संख्या शून्य करने का लक्ष्य तय करें
उच्च स्तरीय बैठक में राजस्व विभाग की गतिविधियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अविवादित नामांतरण, बँटवारा एवं अन्य राजस्व प्रकरणों संबंधी शिकायतों की संख्या शून्य करने का लक्ष्य तय करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधी शिकायतों की संख्या शून्य करने के लिये क‍मिश्नर और कलेक्टर समन्वय बनाकर काम करें। यह सुशासन का संकेतक है। श्री चौहान ने इस अवसर पर नयी नामांतरण पंजी का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक में राजस्व विभाग की गतिविधियों की संभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि राजस्व प्रकरणों के बेहतर निराकरण से राज्य की छवि का निर्माण होता है। श्री चौहान ने कहा कि हर घर में खसरा-खतौनी की नकल पहुँच जाना चाहिये। भू-अर्जन प्रकरणों की मुआवजा राशि का भी त्वरित निराकरण करें। राजस्व संबंध सभी रिकार्ड अपडेट रखें।

श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 30 सितम्बर तक केन्द्र सरकार के सूखा मेन्यूअल-2016 के मानदंडों के अनुसार जिलों से सूखे की रिपोर्ट तैयार करें। इसके अंतर्गत कम वर्षा, लगातार चार हफ्तों तक अवर्षा, भूमि की नमी में कमी, भूजल स्तर की कमी, बोनी का क्षेत्रफल कम रह जाना, जलाशयों में जल स्तर की कमी जैसे मानदण्डों के आधार पर जिले में सूखे की स्थिति का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही प्रभावित जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण संभव होता है। श्री चौहान ने कम वर्षा की स्थिति देखते हुए उपयुक्त फसलों की बोनी के संबंध में योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होने राहत की व्यापक कार्य-योजना बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिये ज्यादातर धनराशि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के अंतर्गत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिये राज्य के अपने संकेतक और मानदण्ड होना चाहिये। सूखा प्रबंधन केन्द्र बनाकर उसे यह जिम्मेदारी सौंपना चाहिये। इस दिशा में प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूखे की स्थिति का आकलन करने की विश्वसनीय व्यवस्था स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि किसानों के व्यापक हित में उदारतापूर्वक राहत देने के लिये सर्वेक्षण करवायें। जिला कलेक्टरों से समन्वय स्थापित कर उन सभी जिलों के लिये कार्य-योजना बनायें, जहाँ बोनी नहीं हो पाई है और वहाँ के प्रभावित किसानों के लिये ज्यादा से ज्यादा राहत उपलब्ध कराने का प्रयास करें। बैठक में बताया गया कि चम्बल, ग्वालियर और सागर संभागों के जिले ज्यादा प्रभावित हुये हैं जबकि मालवा और महाकौशल के जिलों में औसत वर्षा हुई है।
फसल बीमा की प्रक्रिया में विलंब पर करें सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्थिति को देखते हुये मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा किसानों का पंजीयन करवायें। मुख्यमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिये पूरी रणनीति बनाकर काम करने के निर्देश देते हुये कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड हर किसान को उपलब्ध होना चाहिये।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी किसानों का पंजीयन सुनिश्चित कर समय पर फसल डेटा अपलोड करवाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम में विलंब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना का पूरा लाभ तभी मिलेगा, जब समय पर फसल हानि संबंधी आँकड़े समय रहते अपलोड हो जायें।
अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करें
मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुये कहा कि अच्छा काम करने वालों की भरपूर सराहना करें और उन्हें मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सम्मानित भी करें लेकिन काम नहीं करने वालों की भी सूची बनायें। यदि वे लगातार लापरवाही करते हैं तो ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से निकालने की भी तैयारी करें जिन्होने 50 साल की आयु अथवा शासकीय सेवा में 20 साल पूरे कर लिये हैं। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी मेहनत से नई कार्य संस्कृति विकसित करना होगी। श्री चौहान ने कहा कि जनहित में लगातार अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को बारंबार पुरस्कृत करें। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाईन 181 और लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम, सुशासन स्थापित करने के अच्छे प्रशासकीय यंत्र सिद्ध हुए हैं।
जनसुनवाई को बनायें प्रभावी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संभागायुक्तों को अपने-अपने संभाग के जिलों में जनसुनवाई को और ज्यादा प्रभावी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कम वर्षा से उत्पन्न स्थिति के लिये अभी से प्रयास शुरू कर दें। पानी रोकने, पीने के पानी की व्यवस्था, बड़ी संख्या में रोपे गये पौधों को बचाने, प्रधानमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, उज्जवला योजना जैसी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत दी जाने वाली धनराशि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हितग्राहियों के लिये उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन की मैदानी स्थिति पर लगातार नजर रखें। प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक घर में बिजली पहुँचाने की हाल में घोषित योजना सौभाग्य की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जून 2018 तक कोई भी गाँव बिना बिजली के नहीं रहेगा।
आदर्श डिजिटल गांव बनायें
श्री चौहान ने संभागायुक्तों को प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसा गाँव चिन्हित करने के निर्देश दिये जो पूरी तरह से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में आदर्श गाँव बन सके। उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उद्योगों को आने वाली कठिनाईयों का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्‍होंने यह भी कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले लोगों की सूची की समीक्षा करने की आवश्यकता है ताकि जो लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं, उनके नाम हटाये जा सकें। उन्होंने मई 2018 तक सभी भूमिहीन गरीबों को आवास के लिये भूखण्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की प्रस्तावित रेत उत्खनन नीति के संबंध में संभागायुक्तों से सुझाव माँगे। उन्होंने दीनदयाल रसोई, वनोपज खरीदी, गोवंश सुरक्षा और विस्थापन संबंधी कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।
बैठक में राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा एवं श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डे, मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव एवं श्री विवेक अग्रवाल तथा वरिष्ठ अधिकारी और सभी संभागों के आयुक्त उपस्थित थे।

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