माटीशिल्प में बेहतर प्रदर्शन के माध्यम से
लोगों को मिला रोजगार : ग्रामोद्योग मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य
ग्रामोद्योग मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने कहा
कि प्रदेश में माटी के शिल्पकारों द्वारा बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके
माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिला रहा है। ग्रामोद्योग मंत्री श्री आर्य आज
गौहरमहल में माटीकला प्रदर्शनी का उदघाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे
थे।
ग्रामोद्योग मंत्री श्री आर्य ने कहा कि प्रदेश
में कुटीर उद्योगों की आर्थिक कल्याण योजना के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़ा
गया है। मध्यप्रदेश में छोटे और बड़े उद्योग स्थापित करने के लिये इनवेस्टर मीट भी
की गई हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को
लाभांवित किया जा रहा है। श्री आर्य ने कहा कि प्रदेश में खादी का अधिक से अधिक
उपयोग कर खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। माटी कला बोर्ड प्रदेश
में 3 उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये,
द्वितीय
पुरस्कार 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार 25
हजार रूपये देता है।
ग्रामोद्योग मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने
माटी शिल्पियों को राज्य-स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष 2013-14 के
लिए प्रथम पुरस्कार डा. बलवीर तोमर सीहोर को शॉल-श्रीफल एवं एक लाख रूपये से
सम्मानित किया। द्वितीय पुरस्कार श्री ओमप्रकाश प्रजापति को शॉल-श्रीफल एवं 50
हजार रूपये से सम्मानित किया गया। वर्ष 2014-15 के लिए श्री
ओमप्रकाश प्रजापति को प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपये एवं शॉल-श्रीफल, द्वितीय
पुरस्कार देवास के श्री नरेन्द्र को 50 हजार रूपये एवं शॉल-श्रीफल एवं तृतीय
पुरस्कार डॉ. बलवीर तोमर सीहोर को प्रदान किया गया। वर्ष 2015-16 के
लिए सुश्री रानी प्रजापति सोहागपुर जिला होशंगाबाद को प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपये
एवं शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया गया। द्वितीय पुरस्कार के लिए श्री गोविन्द
मूर्तिकार को 50 हजार रूपये एवं शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया
तथा तृतीय पुरस्कार डॉ. बलवीर तोमर को 25 हजार रूपये और शॉल-श्रीफल से सम्मानित
किया गया।
माटी शिल्पी डॉ. बलवीर तोमर ने पुरस्कार की
राशि सीहोर रोगी कल्याण समिति को देने की घोषणा की। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव
श्रीमती वीरा राणा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सी.एम. शर्मा भी
उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री दीपा श्रीवास्तव एवं आभार सुश्री आभा
शुक्ला ने व्यक्त किया।
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