Wednesday 6 September 2017

निगम, प्राधिकरण एवं अभिकरणों के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न

निगम, प्राधिकरण एवं अभिकरणों के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न 


प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति संस्कृति के संरक्षण के लिये डिण्डोरी, श्योपुर, छिन्दवाड़ा में नये केन्द्र बनाये जाएंगे। इसके लिये भारत सरकार ने 26 करोड़ 95 लाख रुपये की राशि मंजूर की है। यह जानकारी आज जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित-जाति विकास विभाग के तहत गठित निगम, प्राधिकरण और अभिकरण के पदाधिकारियों की बैठक में दी गई। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास राज्य मंत्री  लाल सिंह आर्य ने बैठक की अध्यक्षता की।

प्रदेश का डाटा-बेस तैयार होगा
 आर्य ने बैठक में कहा कि दोनों विभाग दो माह में पूरे प्रदेश का डाटा-बेस तैयार करें। उन्होंने अधिकारियों को अगली बैठक में बिना तैयारी के आने पर कार्यवाही करने की चेतावनी दी।  आर्य ने कहा कि हर तीन माह में निगम, प्राधिकरण और अभिकरण की एक बैठक अनिवार्य रूप से की जाए। साथ ही निगम, प्राधिकरण एवं अभिकरण के पदाधिकारियों की कार्यालयीन व्यवस्था सुनिश्चित हो।

ड़ेढ़ साल में 12 हजार प्रकरण स्वीकृत
बैठक में बताया गया कि आदिम-जाति वित्त एवं विकास निगम के तहत मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में पिछले डेढ़ साल में 12 हजार प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। राज्य अनुसूचित-जाति आयोग स्तर पर हर माह में दो बैंच लगती हैं। इन बैंचों में इस वित्तीय वर्ष में 71 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

तपेदिक नियंत्रण के लिये जन-जागरूकता शिविर
राज्य मंत्री  आर्य ने सहरिया जाति के लोगों में तपेदिक नियंत्रण के लिये जन-जागरण कैम्प लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिये शिवपुरी, श्योपुर, अशोकनगर और गुना जिले में प्रभावितों को समाज के प्रमुख लोगों के माध्यम से जागरूक किया जाए। कैम्प में जन-प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए।  आर्य ने निर्देश दिये कि शासन की नीति का लाभ निचले तबके तक पहुँचे, इसके लिये संयुक्त रूप से बैठक ली गई है। उन्होंने कहा कि लगभग 37 प्रतिशत जनसंख्या को लाभान्वित कर सम्पन्न बनाने की जिम्मेदारी दोनों विभाग और उससे संबंधित आयोग, निगम, प्राधिकरण और अभिकरण की है। इस दिशा में तेज गति से काम होना चाहिये।

इस मौके पर अनुसूचित-जाति आयोग के अध्यक्ष  भूपेन्द्र आर्य, अनुसूचित-जनजाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष  शिवराज शाह, कोल अभिकरण अध्यक्ष सु उर्मिला भारती, अनुसूचित-जाति वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष  भुजबल सिंह अहिरवार, कोल विकास निगम के अध्यक्ष  बृजलाल कोल, बैगा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  रामलाल बैगा सहित प्रमुख सचिव अनुसूचित-जाति विकास  आशीष उपाध्याय, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य  एस.एन. मिश्रा, आयुक्त  दीपाली रस्तोगी और निगम, प्राधिकरण, अभिकरणों के सदस्य मौजूद थे।

दिसम्बर में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगा सम्मेलन
राज्य मंत्री  आर्य ने म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित-जाति वित्त एवं विकास निगम निगम द्वारा पोषित योजनाओं की अलग से समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि दिसम्बर में होने वाले युवा उद्यमी सम्मेलन के पहले सभी अधिकारी तय समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्त करें। इसमें लगभग 450 हितग्राहियों से मुख्यमंत्री सीधा संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा। कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही परिलक्षित होने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना
 आर्य ने कहा कि हितग्राहियों के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए तय समय-सीमा में योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में कोई समस्या आने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाएं।  आर्य ने सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना का लक्ष्य 15 दिन में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी हितग्राहियों को ऋण प्रमाण-पत्र वितरण के समय स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित करें।

कौशल उन्नयन के लिये विशेष प्रयास
 आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री की अहम योजना है। युवाओं को कौशल उन्नयन प्रदान कर स्व-रोजगार से जोड़ने के लिये अधिक से अधिक प्रयास किये जाएँ। इसकी हर माह समीक्षा होगी। अधिकारियों को बेहतर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हर जिले और संभाग में समय-समय पर समीक्षा बैठक की जाएगी।

राज्य मंत्री ने कहा कि योजना का लाभ कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं हो। इसके लिये सभी योजनाओं का प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करें। ऋण स्वीकृति के बाद स्थापित यूनिट का समय-समय पर भौतिक सत्यापन किया जाए। वसूली का काम भी समय पर हो।  आर्य ने निगम द्वारा पोषित विभिन्न योजनाओं की जिलेवार समीक्षा की।  आर्य ने कहा कि सभी योजनाओं की नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जाएगी।

बैठक में उपाध्यक्ष  भुजबल सिंह अहिरवार, प्रबंध संचालक  आशीष उपाध्याय और सभी जिले के अधिकारी मौजूद थे।

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