लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को नये अनुसंधानों का
लाभ मिले
आइफा-2017 कॉन्फ्रेंस में
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री गुप्ता
लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को नवीन रिसर्च का
लाभ मिले। इससे उनकी उत्पादकता बढ़ेगी। राजस्व, विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात आज मध्यप्रदेश आइफा
कॉन्फ्रेंस-2017 में कही। इस दो-दिवसीय कॉन्फ्रेंस का विषय 'राष्ट्र
विकास हेतु स्वदेशी तकनीकों का प्रतिष्ठापन'' है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री गुप्ता
ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण हर स्तर पर होना चाहिए। बेरोजगारी दूर
करने के लिए लघु और सूक्ष्म उद्योगों का विकास और विस्तार जरूरी है। श्री गुप्ता
ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के सुझावों पर अमल किया जाएगा। श्री गुप्ता ने स्मारिका 'प्रगति''
का
विमोचन भी किया।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने
कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से समावेशी और सर्वांगीण विकास ही संभव
है। उन्होंने बताया कि एक समय था जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक देश था।
भारत को फिर से उसी स्थिति में लाने के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है। आईसेक्ट
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री संतोष चौबे ने कहा कि बी.टेक के प्रथम वर्ष से ही
स्टार्ट-अप के बारे में विद्यार्थियों से बात की जाए। सीएमआरआई दुर्गापुर के प्रो.
हरीश हीरानी ने कहा कि उसी क्षेत्र में रिसर्च हो, जो आमजन के लिए
उपयोगी है। उद्यमी एक्सोर्ट क्वालिटी का सामान तैयार करें। लघु उद्योग भारती के
अध्यक्ष श्री जितेन्द्र गुप्ता ने कहा कि लघु उद्यमियों की सहायता के लिए हम सदैव
तत्पर हैं।
मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ. नवीन चन्द्रा और
वैज्ञानिक श्री एम.के. तिवारी ने आइफा कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत की प्राचीन खोजों को सामने लाना और विद्यार्थियों को
विज्ञान के प्रति जागरूक करना तथा विज्ञान के शोधों से लघु और सूक्ष्म उद्यमियों
को लाभान्वित करना ही कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य है।
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