Tuesday 29 August 2017

मध्यप्रदेश में इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक अंतरा और साप्ताहिक टेबलेट छाया का उपयोग शुरू

मध्यप्रदेश में इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक अंतरा और साप्ताहिक टेबलेट छाया का उपयोग शुरू



लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  रूस्तम सिंह ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत आज प्रदेश में नवीन गर्भनिरोधक साधन-इंजेक्टेबल हारमोन 'अंतरा' और साप्ताहिक ओरल पिल्स 'छाया' के प्रदेश में उपयोग का शुभारंभ किया।  सिंह ने बताया कि इंजेक्शन 'अंतरा' और टेबलेट 'छाया' प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्दों पर नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी।  सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से आशा, उषा एवं आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन-जन और गाँव-गाँव तक उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  शरद जैन, केन्द्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम उपायुक्त डॉ. एस.के.सिकदर, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. पल्लवी जैन गोविल, मिशन संचालक डॉ. संजय गोयल, संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ  एस.धनराजू उपस्थित थे।

मंत्री  सिंह ने बताया कि 'अंतरा' के एक बार लेने के बाद तीन माह और 'छाया' के बाद महिला को एक सप्ताह की सुरक्षा मिल जाती है। दोनों का ही कोई साइड इफेक्ट नहीं है यह स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं।  सिंह ने बताया कि प्रदेश को 20 हजार 'अंतरा' इंजेक्शन मिल चुके हैं, और 20 हजार जल्दी ही मिल जायेंगे। इसी तरह 25 हजार 'छाया' टेबलेट मिल गई हैं। इनसे प्रजनन क्षमता पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह सहज एवं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश के विकास के लिये यह बहुत जरूरी है कि बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगे।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री  शरद जैन ने कहा कि राज्य शासन द्वारा इन नवीन गर्भ निरोधक साधनों के उपयोग के लिये कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण मिला है।  जैन ने कहा प्रदेश की डायलिसिस, कीमाथेरेपी, दवा वितरण नि:शुल्क है। विभाग के संचालक डॉ. के.एल. साहू डॉ. के. के. ठस्सू डॉ. जे. एल. मिश्रा और डॉ. बी.एन. चौहान भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

स्वाइन फ्लू और डेंगू बचाव का व्यापक प्रचार-प्रसार करें
 रूस्तम सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि वे लोगों को स्वाइन फ्लू और डेंगू से बचाने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार करें। लोगों को सतर्कता के उपाय बताते हुए जागरूक करें। संक्रमण की तीव्रता देखते हुए 48 घटें के भीतर इलाज शुरू कर दें। हर वक्त दवाईयों, उपकरणों और अन्य जरूरी आवश्यकता की पूर्ति सुनिश्चित करें।

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