गणेशोत्सव के मौके पर मिली गणेश की दुर्लभ प्रतिमा
देशभर में इन दिनों गणेशोत्सव की धूम है। इस दौरान पुरातत्व विभाग को गणेश की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा रायसेन जिले के ग्राम ढ़ावला (ग्राम पंचायत हर्रई) में मलबा-सफाई के दौरान मिली। गणेश के साथ ही भगवान शिव, विष्णु, देवी, भैरव, जेन चतुष्टिका प्रतिमा के अलावा पहाड़ी पर 4 मंदिरों के अवशेष भी प्रकाश में आये हैं। इनमें मंदिरों के केवल नीचे के भाग सुरक्षित हैं।
पुरातत्व आयुक्त अनुपम राजन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सफाई के दौरान मिली प्राचीन प्रतिमा 11वीं शती ई. से 13वीं शती ई. के मध्य की हैं। गाँव की लगभग 50 फीट ऊँची पहाड़ी पर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इसके गर्भ-गृह में शिवलिंग एवं जलाधारी भी प्रकाश में आये हैं।
राजन ने बताया कि विभाग में गठित तकनीकी दल द्वारा करवाई गई मलबा-सफाई के समय प्राचीन मंदिर के भाग यथा- द्वार शाखा, सिरदल, जंघा, शिखर भागों के साथ-साथ कई अन्य मूर्तियाँ भी मिली हैं। पुरातत्व आयुक्त ने तकनीकी दल के अधिकारी डॉ. रमेश यादव, संग्रहाध्यक्ष राजगढ़ जी.पी. सिंह, पुरातत्ववेत्ता आशुतोष उपरीत, पुराविद सर्व योगेश पाल एवं डॉ. अहमद अली को प्राचीन मंदिरों एवं दुर्लभ प्रतिमा खोज निकालने के लिये बधाई दी है।
पुरातत्व आयुक्त राजन ने प्रकाश में आये मंदिरों को मूल स्वरूप में लाने के लिये अनुरक्षण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाने के निर्देश दिये हैं।
देशभर में इन दिनों गणेशोत्सव की धूम है। इस दौरान पुरातत्व विभाग को गणेश की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा रायसेन जिले के ग्राम ढ़ावला (ग्राम पंचायत हर्रई) में मलबा-सफाई के दौरान मिली। गणेश के साथ ही भगवान शिव, विष्णु, देवी, भैरव, जेन चतुष्टिका प्रतिमा के अलावा पहाड़ी पर 4 मंदिरों के अवशेष भी प्रकाश में आये हैं। इनमें मंदिरों के केवल नीचे के भाग सुरक्षित हैं।
पुरातत्व आयुक्त अनुपम राजन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सफाई के दौरान मिली प्राचीन प्रतिमा 11वीं शती ई. से 13वीं शती ई. के मध्य की हैं। गाँव की लगभग 50 फीट ऊँची पहाड़ी पर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इसके गर्भ-गृह में शिवलिंग एवं जलाधारी भी प्रकाश में आये हैं।
राजन ने बताया कि विभाग में गठित तकनीकी दल द्वारा करवाई गई मलबा-सफाई के समय प्राचीन मंदिर के भाग यथा- द्वार शाखा, सिरदल, जंघा, शिखर भागों के साथ-साथ कई अन्य मूर्तियाँ भी मिली हैं। पुरातत्व आयुक्त ने तकनीकी दल के अधिकारी डॉ. रमेश यादव, संग्रहाध्यक्ष राजगढ़ जी.पी. सिंह, पुरातत्ववेत्ता आशुतोष उपरीत, पुराविद सर्व योगेश पाल एवं डॉ. अहमद अली को प्राचीन मंदिरों एवं दुर्लभ प्रतिमा खोज निकालने के लिये बधाई दी है।
पुरातत्व आयुक्त राजन ने प्रकाश में आये मंदिरों को मूल स्वरूप में लाने के लिये अनुरक्षण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाने के निर्देश दिये हैं।
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