Sunday 27 August 2017

दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी ये मिसाइल

 दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी ये मिसाइल



भारतीय वायुसेना को सालों के लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2020 तक अत्याधुनिक मध्यम रेंज की सतह से वायु में मार करने वाली वायु मिसाइल (एमआरएसएएम) प्रणाली हासिल हो जाएगी। यह एडवांस मिसाइल प्रणाली करीब 70 किलोमीटर की दूरी से बैलेस्टिक मिसाइलों से लेकर फाइटर जेट विमानों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को मार गिराने में सक्षम होगी।

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि यह मिसाइल प्रणाली देश का प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आइएआइ) मिलकर बनाएंगे। डीआरडीओ ने आइएआइ के साथ इसके निर्माण के लिये 17,000 करोड़ रुपये का सौदा किया है। एमआर-एसएएम की जमीनी प्रणाली लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) नौसेना के लिये होगा। यह 70 किमी की दूरी से मार करेगा। इस सौदे के तहत इस प्रणाली के तहत 40 फायरिंग यूनिट और 200 मिसाइलें भी मिलेंगी।

इसी तरह एमआरएसएएम वायुसेना की लिये होगी। यह एडवांस प्रणाली है जो सभी मौसमों और 360 डिग्री मोबाइल लैंड आधारित थियेटर एयर डिफेंस प्रणाली होगी। इस मिसाइल प्रणाली की पहली खेप अगले तीन साल में तैयार हो जाएगी। एमआरएसएएम प्रणाली दुश्मनों की बैलिस्टिक मिसाइलों, विमानों हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, निगरानी विमान और अवाक्स (एयरबार्नी वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान भी मार गिराने में सक्षम होंगे। हालांकि एमआरएसएएम का मौजूदा वर्जन भारतीय वायुसेना और नौसेना के पास है।

उल्लेखनीय है कि सेना लगातार सरकार को अपनी हवाई हमले की क्षमता बढ़ाने को कहती रही है। सेना को लगता है कि एमआरएसएएम को हासिल करने से उसकी मारक क्षमता में बहुत बड़ी बढ़त हासिल होगी।

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